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ITR Filing: रिटर्न में स्टॉक से हुई कमाई पर टैक्स बचाने के लिए ये 3 स्मार्ट तरीके अपनाएं

शेयर बाजार निवेश पर टैक्स बचाने का एक और स्मार्ट तरीका है कि लंबी अवधि के लिए निवेश करें। अगर आप एक वर्ष से अधिक समय तक निवेश करेंगे, तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के अंदर में आएगा। इस पर आपको सिर्फ 10% की दर से टैक्स देना होगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 22, 2024 11:58 IST, Updated : Jun 22, 2024 11:58 IST
Income tax Return - India TV Paisa
Photo:FILE इनकम टैक्स रिटर्न

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की शुरुआत हो गई है। अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो शेयरों से हुई कमाई का ब्योरा रिटर्न में देना जरूरी है। इस पर टैक्स वसूल किया जाएगा, लेकिन क्या आपको पता है कि आप शेयरों के मुनाफे पर टैक्स बचा सकते हैं। जी हां, यह संभव है। अब, आप सोच रहे होंगे कि इसके लिए कौन सा तरीका है जिससे आप टैक्स बचा सकते हैं तो आइए जानते हैं। 

शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 

आपको बता दें कि शेयरों से हुई कमाई पर दो तरह से टैक्स लगता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG)। जब आप इक्विटी खरीदने के 12 महीने के भीतर बेचते हैं, तो हुए मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स माना जाता है। आयकर कानूनों के तहत शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर 15% टैक्स लगता है। वहीं, अगर आ शेयर खरीद कर 12 महीने के बाद बेचते हैं तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। वहीं, 12 महीने के बाद हुए नुकसान को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन लॉस कहा जाता है। मार्च 2018 तक इक्विटी या इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर कोई टैक्स नहीं था। बजट 2018 में केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि 1 लाख रुपये तक का LTCG टैक्स से मुक्त होगा और उससे ज्यादा पर 10% की दर से टैक्स लगेगा।

टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग के जरिेय बचत 

जब आप लाभ के लिए कोई स्टॉक बेचते हैं, तो यह ‘realized gains’ होता है, इसलिए यह टैक्सेशन के अधीन होता है। दूसरी ओर, अगर आपको स्टॉक बेचने पर नुकसान होता है, तो आप उस राशि का उपयोग अपने ‘realized gains’ की भरपाई के लिए कर सकते हैं और इस रणनीति को टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग के रूप में जाना जाता है। जबकि करदाता इक्विटी या म्यूचुअल फंड की बिक्री पर अपनी कर देयता को कम करने के लिए वर्ष के किसी भी समय टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग का उपयोग कर सकता है, यह विधि ज्यादातर चालू वित्तीय वर्ष के अंत से पहले मार्च में निष्पादित की जाती है। हालांकि, कोई व्यक्ति अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते समय भी टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग का लाभ उठा सकता है। इस तरह अगर आपको पिछले साल नुकसान हुआ है और इस साल फायदा तो भी आप टैक्स सेंविंग कर सकते हैं। 

निवेश की अवधि लंबी रखें 

शेयर बाजार निवेश पर टैक्स बचाने का एक और स्मार्ट तरीका है कि लंबी अवधि के लिए निवेश करें। अगर आप एक वर्ष से अधिक समय तक निवेश करेंगे, तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के अंदर में आएगा। इस पर आपको सिर्फ 10% की दर से टैक्स देना होगा। वहीं, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में आपको 15% टैक्स चुकाना होगा। ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) म्यूचुअल फंड निवेश करने और टैक्स बचाने का एक स्मार्ट तरीका है। यह निवेश विकल्प खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है जो आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स बचाना चाहते हैं। 

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