जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 3.96 प्रतिशत रही जो इससे पिछले माह में 5.15 प्रतिशत थी। वहीं जून के दौरान मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और बिजली उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है।
तीसरे चरण में इस साल योजना को पहले दो महीने के लिये -मई और जून- में लागू किया गया। इसके बाद चौथे चरण के तहत इसे नवंबर 2021 तक के लिये बढ़ा दिया गया।
दालों के दाम पर अंकुश के लिये उड़द और मूंग के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी से हटाकर इस साल अक्टूबर तक के लिये मुक्त श्रेणी में डाल दिया गया। मूंग दाल को छोड़कर अन्य सभी दलहन पर अक्टूबर तक के लिये स्टॉक सीमा लागू की है।
खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर अप्रैल में 4.23 प्रतिशत से बढ़कर मई में 6.23 प्रतिशत की छह माह की ऊंचाई पर पहुंच गई। वहीं खाद्य मुद्रास्फीति इस दौरान 1.96 प्रतिशत से बढ़कर मई में 5.01 प्रतिशत पर पहुंच गई।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल क्रमश: 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्रदान कर रही है।
उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग ) के कामों के लिए अब निवेश बढ़ने लगा है। अभी तक देश- विदेश के निवेशक और उद्योगपति इसमें निवेश कर रहे हैं।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 5.01 प्रतिशत रही। सबसे ज्यादा तेजी तेल, फल दलहन की कीमतों में देखने को मिली है।
दुनिया में एक न्यायोचित, सक्षम और सतत् खाद्य उतपादन, वितरण और खपत के तौर तरीके से कुपोषण की समस्या से निपटा जा सकता है।
तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस साल खाद्यान्न, चावल, गेहूं, मक्का, चना, मूंगफली और सरसों में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज होगा।
भारत सरकार ने वन नेशन वन राशनकार्ड के लोगो डिजाइन के लिये प्रतियोगिता का आयोजन किया है। इसमें भारतीय नागरिक 31 मई तक अपने डिजाइन भेज सकते हैं।
मार्च 2021 में डब्ल्यूपीआई मंहगाई दर 7.39 प्रतिशत और अप्रैल 2020 में ऋणात्मक 1.57 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मंहगाई दर में लगातार चौथे महीने तेजी हुई है।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बजट में सरकार ने 12-13 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना लाने की बात कही थी। छह क्षेत्रों के लिए पहले ही पीएलआई की घोषणा की जा चुकी है।
15 रुपये की थाली में 2 रोटी या परांठा, सब्जी, रायता, चावल उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं 10 रुपये के नाश्ते में 4 पूड़ी या परांठा के साथ सब्जी और अचार भी मिलेगा। खाने की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने पर भी जोर दिया गया है।
ब्रिटेन, यूरोप सहित 52 देशों के 750 से अधिक वैश्विक खरीदारों ने यहां चल रहे दो दिवसीय खाद्य एवं पेय पदार्थों की प्रदर्शनी ‘‘इंडसफूड 2021’’ में भाग लिया।
आपके क्या कभी 20 हजार रुपए की बिरयानी खाई है। अगर नही खाई तो हम आपको बताते है इतनी महंगी बिरयनी के बारे में। दरअसल दुबई में एक भारतीय रेस्तरां ने हाल ही में 20 हजार रुपए की बिरयानी थाली पेश की है।
फसल वर्ष 2020-21 के लिए दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार इस साल रबी सीजन के दौरान देश में रिकॉर्ड अनाज और दलहन पैदा होने का अनुमान है।
सरकार इन परियोजनाओं के लिए 103 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता प्रदान करेगी, जिससे कुल मिलाकर लगभग 12,000 नौकरियां पैदा होंगी और 42,800 किसानों को लाभ होगा।
थोक महंगाई दर मे जनवरी के दौरान दिसंबर के मुकाबले 1.77 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। खादय् पदाथों की कीमतों में 2.99 प्रतिशत और गैर खाद्य पदाथों की कीमत में 0.43 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है
खाद्य महंगाई दर दिसंबर 2020 में घटकर 3.41 प्रतिशत रह गयी जो एक महीने पहले 9.5 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है।
2020-21 खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 1,445.2 लाख टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि गन्ने और कपास जैसी नकदी फसलों का उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।
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