अगर आपने अब तक निवेश की शुरुआत नहीं की है तो अक्षय तृतीया के शुभ मौके पर आप शुरू कर सकते हैं। यह आपकी आर्थिक सुरक्षा और भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में काफी मददगार साबित होंगे।
वित्त वर्ष 2020-21 से पहली कैटेगरी के शहरों में 50-100 प्रतिशत के बीच मूल्य वृद्धि देखी गई है। बड़े घरों की मांग वास्तव में आसमान छू रही है। आवासीय रियल एस्टेट की मांग मजबूत बनी हुई है।
बीते कुछ सालों में रियल एस्टेट सेक्टर में शानदार डिमांड देखी जा रही है। घरों की कीमतें भी बढ़ी हैं। खासकर बड़े घर और लग्जरी फ्लैट्स की डिमांड बीते कुछ समय से तेज देखने को मिल रही है।
घरों की बिक्री में मात्रा और मूल्य, दोनों लिहाज से बढ़ोतरी समग्र अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। मूल्य के लिहाज से आवास बिक्री इस साल जनवरी-मार्च में 1,10,880 करोड़ रुपये रही।
देश में ऑफिस स्पेस के लिए डिमांड भी जोरदार है। सालाना आधार पर इसमें 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। कार्यालय का किराया एक से नौ प्रतिशत बढ़ा है।
नई यूनिट्स की आपूर्ति बेंगलुरु और मुंबई में बढ़ी, लेकिन दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता तथा अहमदाबाद में इसमें गिरावट आई।
शीर्ष सात शहरों में औसत आवासीय संपत्ति की कीमतों में 2024 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 10 से 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जोशी ने कहा कि हमारे पास अफोर्डेबल हाउसिंग (सस्ते घर) की कमी है। इसके लिए केंद्र सरकार की प्राथमिकता राज्यों और शहरी स्थानीय अधिकारियों के साथ काम करना है ताकि शहरी नियोजन प्रक्रिया के तहत बड़े संख्या में सस्ते घर बनाए जा सके। इसके लिए डेवलपर्स को अपने प्रोजेक्ट में कम से कम से कम 15% या अधिक सस्ते घर बनाने चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 लाख रुपये तक की लागत वाले घरों में नई आपूर्ति साल 2023 में साल-दर-साल 20 प्रतिशत कम हो गई। इसके चलते किफायती घरों की बिक्री में भी गिरावट आई।
एनारॉक के मुताबिक, जनवरी-सितंबर 2023 के दौरान टॉप सात शहरों में 3.49 लाख यूनिट्स बेची गईं। बिक्री आंकड़ा 2022 में 3.65 लाख यूनिट्स के मुकाबले इस साल 4.5 लाख यूनिट्स को पार करने को तैयार है।
पहली बार 1,100 से ज्यादा लग्जरी फ्लैट बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। अगर आपके पास पहले से दिल्ली में कोई फ्लैट या प्लॉट है तब भी आप इस स्कीम में अप्लाई कर सकेंगे और फ्लैट खरीद सकेंगे।
बड़ी संख्या में नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के आने से ऐसे बिना बिके घरों की बिक्री की रफ्तार काफी धीमी हो गई है।
यह परियोजना गुरुग्राम के सोहना के सेक्टर-5 में स्थित है। यह प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन से 20 मिनट की दूरी पर होगी।
India Housing Sales: एक तरफ भारत में महंगाई बढ़ रही है। इसे कम करने के लिए सरकार से लेकर RBI के तरफ से नए कदम उठाए जा रहे हैं। इसी बीच आवास बिक्री को लेकर एक नया आंकड़ा सामने आया है, जो महंगाई के सभी दावों को गलत साबित करता हुआ दिखता है।
नोएडा अथॉरिटी ने ट्रांसफर चार्ज को लेकर अहम फैसला नोएडा के सेक्टर-119 स्थिति एल्डेको आमंत्रण हाउसिंग सोसाइटी को लेकर दिया है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, ’’पीएमएवाई योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में चिन्हित पात्र लाभार्थियों के लिए 80 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसमें शहरों और ग्रामीण दोनों इलाके के घर शामिल है और इसके लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है।’’
सरकार अबतक 1.14 करोड़ घरों को आवंटित कर चुकी है और 89 लाख घरों के निर्माण का काम चल रहा है। लगभग 52 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
देश के आठ प्रमुख शहरों में चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 59 प्रतिशत बढ़ककर 55,907 इकाई पर पहुंच गई। प्रॉपटाइगर.कॉम ने यह जानकारी दी है।
डेटा एनालिटिक्स कंपनी प्रॉपइक्विटी के अनुसार इस साल जनवरी-अगस्त के दौरान दिल्ली-एनसीआर के संपत्ति बाजार में घरों की बिक्री 22 प्रतिशत गिरकर 16,846 इकाई रह गई, लेकिन नयी आपूर्ति 42 प्रतिशत बढ़कर 17,615 इकाई पर पहुंच गयी।
संपत्ति सलाहकार कंपनी एनारॉक के अनुसार देश के सात शहरों में 1.4 लाख करोड़ रुपये की 1.74 लाख इकाइयों का काम पूरी तरह ठप हैं। इसमें से 66 प्रतिशत मकान दिल्ली-एनसीआर में हैं।
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