वित्त वर्ष 2025-26 और वित्त वर्ष 2026-27 में चालू खाता घाटा (सीएडी) जीडीपी के करीब 1 प्रतिशत पर संतुलित बना रह सकता है। भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौता भी ग्रोथ को अतिरिक्त गति दे सकता है।
रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में और कमी करेगा। केंद्रीय बैंक संभवतः 25 आधार अंकों की कटौती के रूप में, वर्ष के आखिर तक नीतिगत दर (रेपो रेट) को 5. 75 प्रतिशत तक ले जाएगा।
मूडीज ने कहा कि भारत की वृद्धि टैक्स उपायों और निरंतर (मौद्रिक) सहजता के कारण विकसित और उभरते जी-20 देशों में सबसे अधिक रहेगी। अमेरिकी नीतियों में अनिश्चितता से पूंजी के आउटफ्लो का जोखिम बढ़ सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती आबादी और विकसित आर्थिक ढांचे के साथ, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में अतिरिक्त निवेश करना होगा।
एसएंडपी ने कहा कि घरेलू मांग की गति व्यापक रूप से बनी हुई है। रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र के केंद्रीय बैंक इस साल बेंचमार्क ब्याज दरों में कटौती जारी रखेंगे।
सएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चीन के लिए विकास दर को साल 2024 में 4.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा, लेकिन अगले साल के पूर्वानुमान को पहले के 4.3 प्रतिशत से घटाकर 4.1 प्रतिशत और 2026 में 4.5 प्रतिशत के पिछले अनुमान से घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया।
एसएंडपी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई जल्द से जल्द अक्टूबर में दरों में कटौती शुरू कर देगा और चालू वित्त वर्ष (मार्च 2025 में समाप्त होने वाले) में दो बार दरों में कटौती की योजना बनाएगा।
अगले तीन वर्षों में भारत के पांच लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने वर्ष 2047 तक ‘विकसित देश’ बनने का एक बड़ा लक्ष्य रखा है।
Moodys ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत यह दर्शाती है कि नोटबंदी के बावजूद सरकार की लोकप्रियता बनी हुई है।
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