केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के निर्देश पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई, गाजियाबाद ने प्रस्ताव को औपचारिक रूप से अपनी स्वीकृति दे दी है।
टोल के आस-पास के इलाके में रहने वाले स्थानीय निवासियों के लिए रजिस्ट्रेशन और पास जारी करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए,टोल प्लाजा के पास कई शिविर लगाए गए हैं।
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर बागपत, बारौत,शामली और सहारनपुर होते हुए देहरादून तक जाएगा। राजाजी नेशनल पार्क के एरिया में इसमें एशिया का सबसे लंबा 12 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर भी बना है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक अनोखा और पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम उठाते हुए NHAI और सभी हाईवे डेवलपर्स को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने YouTube चैनल बनाएं और हर प्रोजेक्ट की वीडियो नियमित रूप से अपलोड करें।
NHAI के मुताबिक, पास से जुड़ी ये जानकारी टोल प्लाजा के एंट्री और एग्जिट पॉइंट, कस्टमर सर्विस वाली सभी जगहों सहित, सभी विजिबल लोकेशन पर साइनेज बोर्डों पर प्रदर्शित की जाएगी।
देश की सड़क यातायात और हाईवे मेंटेनेंस सिस्टम में तकनीकी क्रांति आने वाली है। NHAI ने 20,933 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों पर AI-सक्षम सर्वे गाड़ियों तैनात करने की प्लानिंग बनाई है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ये स्कीम देशभर के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर 31 अक्टूबर, 2025 तक जारी रहेगी।
पुदुचेरी के लोक निर्माण मंत्री के. लक्ष्मीनारायणन ने इंदिरा गांधी स्क्वायर और राजीव गांधी स्क्वायर को जोड़ने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मदद मांगी थी।
NHAI के एक अधिकारी ने बताया कि 464 किलोमीटर लंबा 6 लेन का नेशनल हाईवे-130CD रायपुर और विशाखापत्तनम के बीच यात्रा समय को काफी हद तक कम करेगा और छत्तीसगढ़, ओडिशा तथा आंध
क्यूआर कोड वाले साइनबोर्ड न सिर्फ इमरजेंसी और स्थानीय जानकारी तक बेहतर पहुंच के जरिए सड़क सुरक्षा को बढ़ाएंगे बल्कि यूजर एक्सपीरियंस और नेशनल हाईवे के प्रति जागरूकता में भी इजाफा करेंगे।
सरकार का ये नया नियम उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगा, जिन लोगों की गाड़ियों पर फास्टैग नहीं है या बंद पड़ा है।
अक्सर हाईवे पर यात्रियों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है, जहां सही जगह या मदद तक पहुंचने में समय बर्बाद हो जाता है। लेकिन अब यह मुश्किल जल्द ही खत्म होने वाली है। NHAI ने एक बड़ा कदम उठाते हुए यह घोषणा की है कि वह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर क्यूआर कोड साइन बोर्ड लगाने जा रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निवासी और यात्री इस खास फ्लाईओवर के बनने से यातायात समस्या के स्थायी समाधान पा सकेंगे। इससे उनके लिए आना-जाना आसान हो जाएगा।
एनएचएआई ने कहा कि ऐसे उदाहरण देखे गए हैं जहां चयनित बोलीदाताओं ने प्राधिकरण की आवश्यक पूर्व स्वीकृति के बिना ठेकेदारों को नियुक्त किया है या स्वीकृत उप-ठेका सीमा को पार कर लिया है।
4-लेन का एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर, जिसमें टोल टैक्स की सुविधा है और 100 किमी/घंटा की डिजाइन स्पीड के साथ 80 किमी/घंटा की औसत वाहन गति को सपोर्ट करता है, जो कुल यात्रा समय को लगभग 1.5 घंटे तक कम कर देगा।
बैरियर-फ्री टोलिंग की दिशा में ये एक बड़ा कदम है जिससे फास्टैग के जरिए रुके बिना इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन संभव होगा।
15 अगस्त, 2025 से देशभर में शुरू हुआ फास्टैग एनुअल पास तेजी से खरीदा जा रहा है और इसका इस्तेमाल भी लगातार तेजी से बढ़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के 4 प्रमुख एक्सप्रेसवे- यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ये फास्टैग एनुअल पास नहीं चलेगा।
द्वारका एक्सप्रेसवे के 10.1 किलोमीटर लंबे दिल्ली सेक्शन का डेवलपमेंट लगभग 5360 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
सरकारी बयान में कहा गया है कि नेशनल हाईवे यूजर्स को एक सहज और किफायती यात्रा विकल्प प्रदान करते हुए, फास्टैग एनुअल पास 3000 रुपये की एकमुश्त राशि में एक साल की वैलिडिटी या अधिकतम 200 टोल प्लाजा क्रॉस करने तक वैलिड रहेगा।
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