4% नियम बताता है कि आप हर साल अपने पोर्टफोलियो से उतनी ही राशि निकालते हैं, जिसे महंगाई के लिए समायोजित किया जा सके।
Credit Score रिटायरमेंट के समय आपकी काफी मदद कर सकता है। इसके जरिए आप आसानी से इमरजेंसी में फंड जुटा सकते हैं।
फाइनेंशियल प्लानर का कहना है कि सेवानिवृत्ति के बाद अपने खर्च को वर्गीकृत करना चाहिए। फिर उसको लेकर प्लानिंग रनी चाहिए। रिटायरमेंट के बाद एक नियमित खर्च होता है, जिसमें खरीदारी, यात्रा दवा, आदि शामिल होता है।
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण के अनुसार, NPS के नए नियमों के तहत अब कोई भी एनपीएस खाते से 25 फीसदी से ज्यादा का अमाउंट नहीं निकाल सकता है।
NPS tier 1 account : नेशनल पेंशन स्कीम टियर 1 अकाउंट में निवेश करके आप एक अच्छा-खासा रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं। यह स्कीम आपको रिटायरमेंट के बाद रेगुलर मंथली इनकम प्रदान करेगी। इस स्कीम में आप अपनी जोखिम क्षमता के हिसाब से फंड्स चुन सकते हैं।
लंबी अवधि के लिए आवश्यक सेवानिवृत्ति निधि की गणना करते समय, विभिन्न कारकों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
अर्ली रिटायरमेंट के लिए इस समय फायर स्ट्रेटेजी काफी पॉपुलर हो रही है। इस स्ट्रेटेजी के 3 सिद्धांत होते हैं। पहला- अपनी इनकम का 50 से 70% हिस्सा बचाना शुरू करें। दूसरा- अपने खर्चों को कम करें और आर्थिक अनुशासन दिखाएं। तीसरा- अपनी बचत को सही जगह पर इन्वेस्ट करें।
Early Retirement Strategy:फायर जल्दी रिटायरमेंट के लिए एक पॉपुलर स्ट्रेटेजी है। इसमें आपको नौकरी के दौरान अधिकतर पैसे को सविंग करना होता है। इसकी मदद से आप जल्दी रिटायरमेंट का सपना साकार कर सकते हैं। आइए जानते हैं ये कैसे काम करता है।
जानकारों का कहना है कि अगर बहुत ज्यादा जरूरत न हो तो पीएफ अकाउंट (PF account) में जमा राशि को रिटायरमेंट से पहले नहीं निकालना चाहिए। वैसे जरूरत पड़ने पर कम से कम आप 7 साल की सर्विस पूरी करने के बाद पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग में आप म्यूचुअल फंड्स को भी शामिल कर सकते हैं। बाजार में कई रिटायरमेंट केंद्रित म्यूचुअल फंड मौजूद हैं जो कि आपकी कैपिटल को सेफ रखने के साथ बाजार का भी फायदा देते हैं।
एनपीएस में पेंशन राशि तय नहीं होने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय तक पेंशन तय करना व्यावहारिक नहीं है। कुछ विकसित देशों में जहां पेंशन कोष सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 100 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा है, वहां भी इसको लेकर समस्या हो रही है।’
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली या एनपीएस, शेयर बाजार से जुड़ा, निवेश उत्पाद है। 18 से 60 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक एनपीएस खाता खोलने के लिए पात्र हैं।
Retirement Age: हर कोई आज के समय में 60-65 साल पर रियारमेंट लेने का नहीं सोचता है। कुछ लोग यह काम और पहले करना चाहते हैं। उनके लिए यह खबर बेहद काम की है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली की समीक्षा के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर मोहंती ने कहा कि अभी इस पर कुछ बोलना जल्दबाजी होगा। मोहंती इस समिति के सदस्य हैं।
आपको बता दें कि ओल्ड पेंशन स्कीम में महंगाई को लिंक किया गया है। इसके चलते हर सरकारी कर्मचारी को पेंशन में सालाना 6-8% की बढ़ोतरी हो जाती है।
नौकरीपेशा लोग रिटायरमेंट के बाद भी बेहतर जीवन के लिए वह पहले से प्लान करते हैं। वहीं इस दौरान वह भविष्य के लिए निवेश करते हैं, लेकिन निवेश कहां करना है इसकी जानकारी किसी को नहीं होती है, आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
मौजूदा दौर में EPFO के नियमों के अनुसार न्यूनतम सैलरी सीमा 15000 रुपए प्रति माह हैं। किसी भी कंपनी में वे कर्मचारी जो 15000 रुपये से अधिक वेतन पाते हैं, उनका अनिवार्य रूप से EPFO काटे जाने का प्रावधान है।
मान लें कि अभी आपकी आयु 30 साल है और 50 साल की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं। आपके पास एक फंड बनाने के लिए 20 साल हैं।
आज के दौर में यदि हम औसत महंगाई की दर को 6 प्रतिशत माल लें तो यदि आप आज 1 लाख रुपये कमा रहे हैं तो आपको 20 साल बाद इसी लाइफस्टाइल को मेंटेन करने के लिए 3.2 लाख / माह से अधिक की आवश्यकता होगी।
Pension Scheme:यह कर्ज उन वरिष्ठ नागरिकों को मिलती है जिनकी उम्र 60 साल या इससे अधिक है। यह लोन 15 सालों के लिए होता है।
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