चालान-कम-स्टेटमेंट दाखिल करने से लेकर लाइफ सर्टिफिकेट और अन्य वित्तीय काम-काज को समय रहते ही पूरा कर लें। इससे आपको ही सुविधा होगी।
आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म 16 काफी जरूरी होता है। दरअसल, आपकी कंपनी जो फॉर्म 16 देती है, उसमें आपकी पूरी सैलरी, इनकम, टैक्सेबल इनकम, इंवेस्टमेंट, टैक्स, टीडीएस, अलाउंस, रेंट, बिल, लोन आदि की सारी जानकारी होती है।
सरकार ने लॉटरी, क्रॉसवर्ड और घुड़दौड़ से जीत से संबंधित टीडीएस नियमों को सरल बना दिया है। बीमा कमीशन के लिए टीडीएस सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है।
वित्त मंत्री ने डिविडेंड से होने वाली कमाई पर कटने वाले टीडीएस की लिमिट को 5000 रुपये से सीधा दोगुना करते हुए 10,000 रुपये करने की घोषणा की। यानी निवेशकों को एक साल में मिलने वाले 10,000 रुपये तक के डिविडेंड पर 1 भी रुपये का टीडीएस नहीं कटेगा।
अगर आप पर भी टैक्स से जुड़ी जिम्मेदारियां हैं जिन्हें आज पूरा करना है तो इसमें लापरवाही न करें। आज इस काम को हर हाल में निपटा लें। टीसीएस सर्टिफिकेट, फॉर्म 26QB, फॉर्म 26QC, फॉर्म 26QD और फॉर्म 26QE 30 जनवरी तक फाइल करने होते हैं।
एफडी से होने वाली इनकम पर टीडीएस काटा जाता है। नियमों के मुताबिक, अगर एफडी से मिलने वाला ब्याज एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपये से ज्यादा होता है तो आपको 10% का टीडीएस भरना होगा। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये लिमिट 50,000 रुपये है।
एफडी के नियमों के अनुसार एक वित्त वर्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट पर 40,000 रुपये से ज्यादा का ब्याज प्राप्त करने पर 10 प्रतिशत के टीडीएस का भुगतान करना होगा। वहीं दूसरी ओर, अगर आप अपनी पत्नी के नाम से एफडी कराते हैं तो आप ये टीडीएस बचा सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी से मिलने वाले ब्याज पर आपको टीडीएस चुकाना पड़ता है। ऐसे में एफडी से होने वाली कमाई, आपकी कुल कमाई के साथ जुड़ जाएगी। लिहाजा, आपको ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा।
फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी, आवर्ती जमा यानी आरडी या किसी दूसरे ब्याज अर्जित होने वाले निवेश साधनों से हुई ब्याज आय पर टीडीएस से छूट का रिक्वेस्ट करने पर यह फॉर्म जमा करना होता है।
फॉर्म 15एच उन निवासी व्यक्तियों द्वारा जमा किया जा सकता है जो वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनकी अनुमानित कर देयता है वित्तीय वर्ष में शून्य है। कोई भी कंपनी या फर्म या गैर-निवासी फॉर्म 15G जमा करने के लिए पात्र नहीं होते हैं।
फॉर्म 15जी को 60 साल से कम उम्र के निवेशकों को, जबकि फॉर्म 15एच 60 साल से ज्यादा उम्र के निवेशकों को जमा करना होता है।
इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स के लिए एक नया ऐप लॉन्च किया है। इसका नाम है- AIS App इस ऐप के जरिए टैक्सपेयर्स हर ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। इनकम टैक्स विभाग ने फॉर्म 26AS पर एक नया अपडेट जारी किया है।
जब किसी कर्मचारी की उम्र 58 साल हो जाती है तो उसका EPF अकाउंट मैच्योर हो जाता है और वो इसमें जमा राशि निकाल सकता है। लेकिन अकाउंट मैच्योर होने से पहले पैसा निकालने पर टीडीएस कटता है।
TDS के बारे में कई बार आपने सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्यक्ति की सैलरी पर ये कब और क्यों काटा जाता है। आइए इस बारे में जानते हैं।
टीडीएस का विवरण देने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए दूसरी तिमाही का ब्योरा जमा करने की समयसीमा बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है।
कंपनियों द्वारा टीडीएस काटने संबंधित धारा 194 क्यू को 2021-22 के बजट में पेश किया गया था। यह प्रावधान एक जुलाई, 2021 से लागू हुआ है।
गुरुवार 1 जुलाई से नए महीने की शुरूआत होने जा रही है। जुलाई का यह महीना आपकी रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव भी ला रहा है।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 194एन के तहत नए प्रावधानों के मुताबिक यदि एक निवेशक जिसने पिछले तीन वित्त वर्षों में अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है, तब ऐसी स्थिति में निकाली गई राशि पर टीडीएस काटा जाएगा।
हालांकि सरकार ने इस मामले में कुछ छूट दी है, जिसके तहत विदेश भेजे जाने वाले सभी पैसों पर यह टैक्स लागू नहीं होगा।
ट्राई ने वोडाफोन आइडिया को प्रीमियम प्लान पर रोक लगाने को निर्देश दिया था
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