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Masik Shivratri 2023: कब है मासिक शिवरात्रि? भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए इस विधि से करें पूजा, पूरी होगी मनोकामना, जानें डेट और पूजा विधि

Chaitra Masik Shivratri 2023: हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मास शिवरात्रि व्रत किया जाता है। जानिए मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

Sushma Kumari Written By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Published on: March 19, 2023 14:17 IST
Chaitra Masik Shivratri 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chaitra Masik Shivratri 2023

Chaitra Masik Shivratri 2023:  प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मास शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इस दिन व्रत कर भगवान शंकर की बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप से पूजा करनी चाहिए और भोग चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जप करना चाहिए।  कहा जाता है कि ऐसा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है और जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान भी निकलता है। इसके अलावा जो जातक मास शिवरात्रि का व्रत करते हैं, भगवान शिव उनसे प्रसन्न होकर उनके सभी कामों को सफल बनाते हैं। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व। 

कब है मासिक शिवरात्रि 2023 ( Masik Shivratri 2023 Date)

इस साल चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि 20 मार्च 2023 को रखा जाएगा। कहा जाता है कि चतुर्दशी तिथि पर भगवान भोलेनाथ का विवाह संपन्न हुआ था। यह भी मान्यता है कि इस दिन पहली बार महादेव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। 

मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त  (Masik Shivratri 2023 Shubh Muhurat)

  • चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ  - 20 मार्च 2023,  सुबह 04 बजकर 55 मिनट से
  • चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त -  21 मार्च 2023, प्रात: काल 01 बजकर 47 मिनट पर
  •  शिव पूजा का समय - प्रात: 12.05 से 12.52 तक

मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व 

मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत बेहद ही शुभ शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का व्रत रखने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं साथ ही उसे  मोक्ष, मुक्ति की प्राप्ति होती है। साथ ही कहा जाता है कि इस दिन शिव मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का पूरे दिन जाप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। 

मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

  • इस दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान कर लें।
  •  स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • हो सके तो इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें, इस रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
  • इसके बाद पूजा स्थल पर शिवजी, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय सहित नंदी की स्थापना करें।
  • फिर सभी को पंचामृत से स्नान कराएं। 
  • बेलपत्र, फल, फूल, धूप और दीप, नैवेद्व और इत्र भगवान को चढ़ाएं। 
  • इसके बाद शिव पुराण, शिव चालीसा, शिवाष्टक, शिव मंत्र और शिव आरती करें। 

( लेखक के बारे में: आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)

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