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Chaitra Navratri 2023: इस दिन से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि? तुरंत नोट करें डेट, पूजा विधि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलता है। ऐसे में आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि कब है, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त साथ ही जानिए किस दिन पड़ रहा कौन सी देवी का दिन।

Sushma Kumari Written By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: March 15, 2023 11:53 IST
Chaitra Navratri 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chaitra Navratri 2023

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का पर्व आने में बस अब कुछ ही दिन बाकी है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलता है। इस अवसर पर भक्त कलश स्थापना करने के साथ-साथ मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना करते हैं। वहीं इस दौरान कई भक्त कठोर व्रत भी रखते हैं।  ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान पूजा करने और व्रत रखने से मां दुर्गा हर कष्ट को हर लेती हैं साथ ही सुख-समृद्धि, धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि कब है, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त साथ ही जानिए किस दिन पड़ रहा कौन सी देवी का दिन। 

चैत्र नवरात्र 2023 कब से हैं शुरू?

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी, जिसका समापन 22 मार्च को शाम 8 बजकर 20 मिनट पर होगा। इसलिए इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ हो रहा है जिसका समापन 30 मार्च 2023 को होगा। 

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

22 मार्च को सुबह 6 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 32 मिनट तक

नवरात्रि में ऐसे करें घट स्थापना (Navratri Ghat Isthapana Vidhi)

  • कलश स्थापना के लिए ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। 
  • पूजाघर की इस दिशा में गंगाजल छिड़ककर चौकी रखें और इस पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
  • अब मिट्टी के बर्तन में पवित्र मिट्टी रखें और जौ के बीज बो दें।
  • अब एक तांबे या फिर मिट्टी के कलश में गंगाजल भरें और इसमें अक्षत, सुपारी, सिक्का, एक जोड़ी लौंग और दूर्वा घास डाल दें। 
  • कलश के मुख पर कलावा बांध दें और एक नारियल में लाल चुनरी लपेटकर कलावे से बांध दें और कलश में आम के पत्ते लगाकर उसके ऊपर नारियल रख दें।
  • अब जौ वाले बर्तन के ऊपर कलश रखें और मां दुर्गा के दाईं  तरफ कलश की स्थापना कर दें।
  • कलश स्थापित करने के बाद मां दुर्गा की पूजा करें।

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