Monday, April 29, 2024
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Mahashivratri 2024: इस बार महाशिवारत्रि और प्रदोष व्रत का बन रहा है दुर्लभ संयोग, व्रत के इन नियमों का रखें ध्यान, मिलेगा महालाभ!

इस बार महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक साथ पड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दुर्लभ संयोग में व्रत रखने और महादेव की आराधना करने से कई गुना लाभ प्राप्त होगा और भोलेनाथ की असीम कृपा भी मिलेगी। इस दिन व्रत के किन नियमों का पालन करना चाहिए और कैसे करें शिव वंदना आइए जानते हैं।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: March 01, 2024 11:17 IST
Mahashivratri 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Mahashivratri 2024

Mahashivratri 2024: इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। भोलेनाथ के भक्त इस दिन अंतर्मन से शिव उपासना करते हैं और उनके इस महापर्व की भक्ति में डूब जाते हैं। हर साल की तरह महाशिवरात्रि इस बार भी बड़े धूम-धाम से मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि वाले दिन जगह-जगह शिव-पार्वती जी की भव्य शोभा यात्रा उनके विवाह के प्रतीक के तौर पर धूम-धाम से निकाली जाती है। हर तरफ हर हर महादेव की जयजयकार की गूंज सुनाई देती है। लेकिन क्या आप एक बात जानते हैं इस बार महाशिवरात्रि बड़ी दुर्लभ है, यह दिन भगवान शिव की ढेर सारी कृपा पाने के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन महाशिवरात्रि के साथ ही साथ शुक्र प्रदोष व्रत भी है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन शिव योग और सर्वार्थ सिद्धियोग जैसे शुभ संयोगों का भी निर्माण हो रहा है जो कई सालों बाद बन रहा है। इस लिहाज से यह शिवरात्रि अति पावन है और शिव कृपा पाने के लिए बहुद शुभ भी। यदि आप भगवान शिव की अद्भुत कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दिन व्रत जरूर रखें और साथ ही इस उपवास के दौरान कौन से नियमों का पालन करना चाहिए उसके बारे में भी जानिए।

प्रदोष काल का समय- महाशिवरात्रि वाले दिन 8 मार्च 2024 को शुक्रवार के दिन प्रदोष काल का समय शाम 6 बजकर 25 मिनट से लेकर 8 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।

व्रत के इन नियमों का रखें ध्यान

  • सबसे जरूरी और पहला नियम यह है कि इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं और स्नान कर लें। बेहतर होगा कि इस दिन तीर्थ स्नान करें, यदि यह संभव नहीं है तो नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें।
  • स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और जल से आचमन कर व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा पद्धति के अनुसार व्रत के दौरान किसी को अपशब्द न कहें और किसी से भी लड़ाई-झगड़ा न करें।
  • व्रत के दौरान फलाहार चीजें जैसे कि फल, मैवा, मखाना, सेंधा नमक, साबूदाने की खिचड़ी इत्यादि खाएं।
  • महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत वाले दिन भूल से भी मांस-मदिरा, प्याज, लहसुन और अन्य तामिसक चीजें न खाएं। मान्यता है कि जो इस नियम का पालन नहीं करते हैं उनको शिव जी के प्रकोप को सहना पड़ सकता है।
  • फलाहार में जो भी चीजें खाएं सर्वप्रथम उसका भोग पहले भगवान शिव और मां पर्वती को अवश्य लगाएं।
  • बात रही पूजा कि तो इस दिन प्रदोष काल के दौरान शिव उपासना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होगी। साथ ही मां पार्वती के आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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