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Mahesh Navami 2024: जून में इस दिन मनाई जाएगी महेश नवमी, जान लें सही तिथि, महूर्त और महत्व

महेश नवमी का पावन त्योहार शिव भक्तों के लिए बड़ा महत्व रखता है। साल 2024 में महेश नवमी कब है और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा, लेख में जानें विस्तार से।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jun 11, 2024 13:31 IST, Updated : Jun 11, 2024 13:31 IST
Mahesh Navami 2024- India TV Hindi
Image Source : FILE Mahesh Navami 2024

Mahesh Navami 2024: महेश नवमी के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन के हर क्षेत्र में आपको सफलता प्राप्त होती है। भगवान शिव के इसी नाम से माहेश्वरी समाज का नाम पड़ा है। माहेश्वरी समाज में महेश नवमी का बड़ा महत्व है। हालांकि भगवान शिव के सभी भक्त इस दिन महादेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी आराधना कर सकते हैं। साल 2024 में महेश नवमी का त्योहार कब मनाया जाएगा और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब रहेगा, इसके बारे में आइए विस्तार से जानते हैं। 

महेश नवमी 2024 तिथि और पूजा मुहूर्त 

महेश नवमी का पावन पर्व हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में 15 जून को यह तिथि है। शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का आरंभ 14 तारीख की रात्रि में 12 बजकर 5 मिनट से हो जाएगा और 15 तारीख की देर रात 2 बजकर 34 मिनट तक यह तिथि व्याप्त रहेगी। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार 15 जून को ही महेश नवमी मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 15 जून सबुह 7 बजकर 8 मिनट से 8 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना आपके लिए हितकारी साबित होगा।  

पूजा विधि 

महेश नवमी के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। इस दिन सुबह स्नान ध्यान के बाद आपको स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद भगवान शिव को चंदन, पुष्प, गंगाजल इत्यादि अर्पित करने चाहिए और पूजन आरंभ करना चाहिए। पूजने के दौरान शिव चालीसा का पाठ आप कर सकते हैं। इसके साथ ही शिव मंत्रों का जप करने से भी आपको लाभ प्राप्त होता है। पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती आपको करनी चाहिए। पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद का वितरण करें। इस दिन व्रत रखने वाले लोगों को फलाहार करना चाहिए और गलती से भी दिन के समय नहीं सोना चाहिए। महेश नवमी के दिन दान-पुण्य करना करने से भी शिव कृपा आपको प्राप्त होती है। 

महेश नवमी का महत्व 

मान्यताओं के अनुसार महेश नवमी के दिन भगवान महेश और मां पार्वती ने ऋषियों के श्राप से पत्थर हो चुके 72 क्षत्रियों को शाममुक्त किया था। इसके बाद उन क्षत्रियों को माता पार्वती ने आशीर्वाद दिया था कि तुम्हारे कुल पर हमारी छाप रहेगी और तुम्हारा वंश माहेश्वरी के नाम से जाना जाएगा। इसलिए माहेश्वरी समाज में महेश नवमी के दिन भगवान शिव की पूजा आराधना का बड़ा महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव के महेश रूप की आराधना करने से दुख और विपदाओं से मुक्ति मिल जाती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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