Tuesday, April 30, 2024
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Chaitra Navratri 2024: कन्या पूजन के दौरान भूलकर भी न करें ये गलती, माता की कृपा से रह जाएंगे वंचित

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है। कन्याओं के पूजने के दौरान किन गलतियों को करने से आपको बचना चाहिए, इसके बारे में आज हम आपको अपने लेख में जानकारी देंगे।

Naveen Khantwal Written By: Naveen Khantwal
Published on: April 12, 2024 19:45 IST
Kanya Pujan- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Kanya Pujan

नवरात्रि के दौरान माता के भक्त कन्या पूजन करते हैं। माना जाता है कि कन्याओं का पूजन करने से माता का आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता है। भारत में कई जगह कन्या पूजन नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन होता है वहीं कहीं-कहीं नवमी तिथि के दिन भी कन्या पूजन किया जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप भी नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करने वाले हैं तो किन गलतियों को करने से आपको बचना चाहिए। 

नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान न करें ये गलतियां

  • नवरात्रि में कन्याओं का पूजन माता के 9 स्वरूपों को ध्यान में रखकर किया जाता है। नौ कन्याएं 9 देवियों का प्रतीक होती हैं। इसलिए कन्या पूजन के दिन उनके आने से पूर्व ही आपको उस स्थान की सफाई कर देनी चाहिए, जहां आप उनको बैठाएंगे। अगर आप कन्या के बैठने के स्थान को साफ नहीं करते तो, आपकी ये भूल माता को अप्रसन्न कर सकती है। 

     

  • कन्या पूजन वाले दिन भूलकर भी कन्याओं को डांटे नहीं। बल्कि आदरपूर्वक आपको उनका स्वागत करना चाहिए। कन्याएं आपके व्यवहार से जितनी प्रसन्न होंगी माता भी आप से उतनी ही प्रसन्न रहेंगी।  
     
  • कन्याओं के आते ही उन्हें तुरंत आसन पर आपको नहीं बैठाना चाहिए। सबसे पहले उनके पैर आपको अपने हाथों से धोने चाहिए और उसके बाद पैर पोंछकर उन्हें आसन तक ले जाना चाहिए। 
     
  • आसन पर बैठाकर कन्याओं का तिलक किया जाता है। लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि तिलक करते समय कन्याओं का मुंह उत्तर-पूर्व दिशा यानि ईशान कोण की ओर हो। गलत दिशा में कन्याओं के तिलक से आप माता की कृपा से वंचित रह सकते हैं। इसलिए कन्याओं के आने से पहले ही ये पता कर लें कि उत्तर-पूर्व दिशा किस ओर है। आपको बता दें कि ईशान कोण को देवी-देवताओं को निवास स्थान माना जाता है और इसलिए इसी दिशा में कन्याओं का तिलक किया जाना चाहिए। 
     
  • अगर आप कन्या के साथ एक बालक को पूजा में नहीं बुलाते तो आपकी पूजा अधूरी रह सकती है। इसलिए पूजा में 9 कन्याओं के साथ एक बालक को भी आप अवश्य बुलाएं। बालक को भैरव का रूप माना जाता है। 
     
  • भोजन के बाद अगर आप सामर्थ्य के अनुसार कन्याओं को दक्षिणा नहीं देते तो कन्या पूजा अधूरी रह जाती है। इसलिए कन्या पूजा के बाद आपको अपनी सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा भी कन्याओं के हाथ में अवश्य रखनी चाहिए।
     
  • कन्या पूजन में कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है, इसलिए ख्याल रखें कि कोई कन्या आपके पैर न छुए । 

कन्या पूजा के दिन आपको ऊपर दी गई बातों को ख्याल में रखना चाहिए। अगर आप पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं तो आपको माता की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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