Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना गया है, यह इस साल 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा के दिन मनाई जा रही है। यह दिन भाई-बहन के रिश्तों में मिठास और मजबूती के महत्व को बढ़ाता है। इस दिन भाई की कलाई पर बहनें राखी बांधती है और प्रभु से कामना करती है कि उनके भाई की उम्र लंबी हो और भगवान उनकी रक्षा करें। वहीं भाई भी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है। राखी बांधते समय बहनें भगवान के कुछ मंत्रों का उच्चारण करती है, जिन बहनों को यह नहीं पता वह नीचे इन मंत्रों को देख सकती हैं।
राखी बांधते समय जरूर जपें ये मंत्र
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।
अर्थ- दानवीर महाबली राजा बलि जिससे बांधे गए थे, उसी से तुम्हें बांधता हूं। हे रक्षे!(रक्षासूत्र) तुम चलायमान न हो और तुम कभी विचलित न हो, तुम अडिग रहो।
इसके अलावा, आप गायत्री मंत्र बोल सकते हैं
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्व भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
अर्थ- हम उस सूर्य के समान तेजस्वी देवता का ध्यान करते हैं, जो हमारी बुद्धि को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करे।
क्यों बोला जाता है ये मंत्र?
हिंदू धर्म में हर शुभ काम करने से पहले मंत्रोच्चारण करने की परंपरा है। मंत्र न केवल आपके मन को शांत करते हैं, बल्कि आपके अंदर पॉजिटिव एनर्जी भी भरते हैं। ऐसे में राखी बांधते समये बोले जाने वाला मंत्र, रक्षा के संकल्प को भगवान से जोड़ता है। ऐसे में राखी धागा मात्र न रहकर रक्षासूत्र बन जाता है।
ध्यान देने वाली अहम बातें
राखी बांधते समय भाई का मुंह पश्चिम की रहे और बहन को पूर्व दिशा की ओर मुख रखना चाहिए। फिर राखी से पहले भाई को तिलक लगाएं, फिर मिठाई खिलाएं और राखी बांधें और मंत्र बोलें और अंत में फिर आरती उतारें। याद रहे कि भाई के दाएं हाथ पर राखी बांधी जानी चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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