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7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के होते हैं फायदे, जानें किन लोगों के लिए होता है यह शुभ

रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना गया है। कहा जाता है इसे पहनने से पहले मंत्रों के द्वारा सिद्ध करना चाहिए। आज हम आपको 7 मुखी रुद्राक्ष के बारे में बताने जा रहे हैं।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Feb 07, 2025 13:37 IST, Updated : Feb 07, 2025 13:37 IST
rudraksh
Image Source : SOCIAL MEDIA रुद्राक्ष

रुद्राक्ष से हर कोई परिचित है, इसे शंकर भगवान का प्रतिबिंब माना गया है। कहा जाता है कि हर रुद्राक्ष में भोलेनाथ का वास होता है। 1 मुखी,2मुखी, 3 मुखी, 4 मुखी और 5 मुखी रुद्राक्ष तो हर किसी ने देखा और सुना होगा। पर क्या आप जानते हैं कि 7 मुखी रुद्राक्ष भी होता है, जो बेहद लाभकारी माना जाता है। अतः इस कड़ी में हम एक कदम और आगे बढ़ेंगे और चर्चा करेंगे सप्तमुखी रुद्राक्ष के बारे में कि सप्तमुखी रुद्राक्ष क्या है, इसका किस ग्रह से संबंध है और इसे आप कैसे उपयोग में ला सकते हैं, इस तरह की तमाम बातों पर हम चर्चा करेंगे।

सप्तमुखी रुद्राक्ष पर शनि ग्रह का प्रभाव

सप्तमुखी रुद्राक्ष, यानि जिस रुद्राक्ष पर सात अलग-अलग धारियां पड़ी होती हैं और जो आकृति में प्रायः गोल होता है। ये रुद्राक्ष इंडोनेशिया और नेपाल, इन दो जगहों पर सबसे ज्यादा पाए जाते हैं । जहां इंडोनेशियाई दाना आकार में 8 से 10 मिलीमीटर व्यास का होता है, वहीं नेपाली दाना इंडोनेशियाई दाने से बड़ा देखने को मिलता है। वैसे तो इस सप्तमुखी रुद्राक्ष पर शनि ग्रह का प्रभाव माना जाता है, लेकिन आपको बता दूं कि यह रुद्राक्ष सात मातृकाएं, सूर्य, सप्तर्षि, कार्तिकेय, अनंग, यानि कामदेव, अनंत और नागराज को समर्पित है।

सप्तमुखी रुद्राक्ष से जुड़ी कुछ खास बातें

मान्यता है कि सप्तमुखी रुद्राक्ष में सात मातृकाओं, यानि सात दिव्य माताओं में ब्राह्मी, महेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इन्द्राणी और चामुंडा शामिल हैं। अतः यह रुद्राक्ष माता महालक्ष्मी को भी प्रसन्न करता है। अगर सप्तर्षियों की चर्चा करें, तो इनमें सात देवता शामिल हैं और इनके नाम हैं- मरीचि, अत्रि, अंगिरा, पुलस्त्य, पुलह, ऋतु, और वशिष्ठ। ये आकाश में तारों के पुंज रूप में दिखायी देते हैं, जिसे सप्तर्षि लोक भी कहते हैं।

सात मुखी रुद्राक्ष से होते हैं कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ

जिन लोगों के स्नायु तंत्र, यानि नर्व फाइबर्स में और बोन्स में, यानि हड्डियों में परेशानी रहती है, जिन्हें गठिया और जोड़ों के दर्द की समस्या रहती है या जिन्हें हृदय और गले संबंधी कोई समस्या है या जो ल्यूकोमिया से पीड़ित हैं या फिर जिन्हें कमजोरी, पेट दर्द, लकवा, मिर्गी और बहरेपन की शिकायत है, साथ ही जिन लोगों को आमाशय यानि पैंक्रियास और अग्नाशय संबंधी कोई परेशानी रहती है, उन सब लोगों के लिये सात मुखी रुद्राक्ष बेहद ही फायदेमंद है। आप इसे और भी अच्छे से समझ सकते हैं।

7 मुखी रुद्राक्ष है सेहत का खजाना

  1. जिन लोगों को लकवे सम्बन्धी समस्या है, उन लोगों को अपने दायें या बायें हाथ की बाजू पर सात मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। इससे आपको धीरे-धीरे करके लाभ दिखने लगेंगे।
  2. जिन्हें गले संबंधी परेशानी रहती है या जिन्हें बार-बार टॉन्सिल्स हो जाता है या जिनको गला बैठने की शिकायत रहती है, उन लोगों को सात मुखी रुद्राक्ष इस प्रकार पहनना चाहिए कि रुद्राक्ष उनके गले को स्पर्श करें। इससे आपको काफी राहत मिलेगी।
  3. आपको ये भी बता दूं कि सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति पर सांप आदि के विष
  4. का प्रभाव भी नहीं होता है । 
  5. साथ ही जो लोग किसी तरह के नशे के आदी हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं, उन्हें भी सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बहुत लाभ मिलेंगे।
  6. जिन लोगों को हड्डियों से जुड़ी कोई परेशानी है, जिनके घुटनों या अन्य कहीं जोड़ों में दर्द रहता है या जिन्हें गठिया की समस्या है, उन लोगों को 7 मुखी रुद्राक्ष की माला अवश्य ही धारण करनी चाहिए । अगर नेपाली दाने हों, तो 7 मुखी के कम से कम पांच दाने और अगर इंडोनेशियाई दाने हों, तो 54+1 या 108+1 सात मुखी रुद्राक्ष के दानों की माला पहननी चाहिए। इससे आपको अवश्य ही लाभ मिलेगा।

7 मुखी रुद्राक्ष के लाभ

सप्तमुखी रुद्राक्ष किसी भी पेशे या कारोबार वाले लोग पहन सकते हैं। इससे सुख-सम्पन्नता में बढ़ोतरी होगी, यश-कीर्ति बढ़ेगी। ऑफिस या घर में आर्थिक रूप से हानि, सफलता में देरी, मानसिक परेशानी, शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिये 7 मुखी उत्तम है।

7 मुखी रुद्राक्ष के मंत्र

शिवपुराण के अनुसार ऊँ हुं नमः का जाप करें।।

पद्मपुराण के अनुसार ऊँ ह्रः का जाप करें।।
स्कंदपुराण के अनुसार ऊँ ह्रीं नमः जपें।।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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