Thursday, April 25, 2024
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कोच भरत अरुण को है विश्वास, टीम इंडिया के इन चार गेंदबाजों की 'चौकड़ी' है कमाल

टीम इंडिया के लिए काफी समय से गेंदबाजी कोच की जिम्मेदारी संभाल रहे भरत अरुण का मानना है कि तेज गेंदबाजों की मौजूदा सफल चौकड़ी अगले दो वर्षों तक अपने खेल के शीर्ष पर रह सकती है।

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Updated on: May 26, 2020 17:32 IST
Jasprit Bumrah, Shami, Umesh Yadav and Ishant Sharma- India TV Hindi
Image Source : GETTY Jasprit Bumrah, Shami, Umesh Yadav and Ishant Sharma

बीतें कुछ सालों में टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने वर्ल्ड क्रिकेट में अपना दबदबा बनाकर रखा है। जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, और इशांत शर्मा का नाम आता है। इन्ही गेंदबाजों कि बद्लौत टीम इंडिया क्रिकेट इतिहास में पहली बार पिछले साल विराट कोहली की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब रही थी। इस तरह बल्ल्लेबाजी के लिए जानी वाली टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में पिछले काफी समय से अपनी गेंदबाजी के लिए फेमस है। इतना ही नहीं कई क्रिकेट पंडित और दिग्गजों ने भी टीम इंडिया की गेंदबाजी की जमकर सराहना की है। इन सबके पीछे हाथ हैं टीम इंडिया के लिए काफी समय से गेंदबाजी कोच की जिम्मेदारी संभाल रहे भरत अरुण का, उनका भी मानना है कि तेज गेंदबाजों की मौजूदा सफल चौकड़ी अगले दो वर्षों तक अपने खेल के शीर्ष पर रह सकती है।

टीम के कोच और चयनकर्ता हालांकि इन गेंदबाजों का विकल्प तलाशने में अभी तक नाकाम रहे हैं। इशांत शर्मा (97 टेस्ट में 297 विकेट), मोहम्मद शमी (49 टेस्ट में 180 विकेट), उमेश यादव (46 टेस्ट में 144 विकेट) और जसप्रीत बुमराह (14 टेस्ट में 68 विकेट) ने 2018 और 2019 के दौरान घरेलू और विदेशी टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है।

अगले नौ टेस्ट (ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में पांच) इस चौकड़ी के लिए एक साथ आखिरी टेस्ट सीरीज हो सकती हैं। इन चारों में सिर्फ 26 साल के बुमराह अपने करियर के शुरूआती दिनों मे है।

अरूण ने भाषा से कहा, ‘‘ मौजूदा तेज गेंदबाजों ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है और मुझे कम से कम अगले दो और वर्षों के लिए इस चौकड़ी के साथ कोई समस्या नहीं दिखती है।’’ अरूण का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में कई युवा तेज गेंदबाज उभर रहे हैं।

भारतीय टीम के इस पूर्व मध्यम गति के गेंदबाज ने कहा, ‘‘ हां, तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी तैयार हो रही है। उन्हें पहचानने के लिए चयनकर्ताओं और कोचों के एक संयुक्त प्रयास की आवश्यकता होगी ताकि मजबूत बेंच स्ट्रेंथ तैयार हो सके।’’ उन्होंने कहा कि बेंच स्ट्रेंथ की पहचान करना इस लिए भी जरूरी है ताकि मौजूदा गेंदबाजों को विश्राम देकर उनके करियर को लंबा खिंचा जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘ इससे रोटेशन नीति और गेंदबाजों के कार्यभार को संभालने में मदद मिलेगा। यह जरूरी है क्योंकि आप चाहते हैं कि आपके प्रमुख तेज गेंदबाज सर्वश्रेष्ठ अवसरों के लिए तैयार रहें।’’

अरुण के कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब अभ्यास शिविर लगे तो तब इन शीर्ष गेंदबाजों के साथ घरेलू मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले और भारत ए टीम के गेंदबाजों को भी मौका मिले।

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उन्होंन कहा, ‘‘ मैं सभी अनुबंधित तेज गेंदबाजों को शिविर में रखना चाहूंगा, उनमें से कुछ होनहार गेंदबाज (तेज और स्पिन) भी हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट के साथ-साथ भारत ए के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है।’’ इस शिविर में खिलाड़ियों को लार से इस्तेमाल से बचने के लिए अभ्यस्त होने का मौका भी मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ लार के इस्तेमाल की आदत को रोकना काफी मुशकिल काम होगा। हम अपने अभ्यास सत्रों के दौरान इस आदत को खत्म करने के लिए पूरा प्रयास करेंगे।’’

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( With Input Bhasa )

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