नेपाल ने पापुआ न्यी गिनी को छह विकेट से हराकर पहली बार अंतरराष्ट्रीय वनडे टीम का दर्जा हासिल कर लिया है. इस ऐतिहासिक जीत के हीरो रहे दीपेंद्र सिंह ऐरी जिन्होंने पहले 14 रन देकर 4 विकेट लिए और फिर 58 गेंदों पर हाफ़ सेंचुरी लगाई. सिंह की घातक गेंदबाज़ी के सामने पापुआ न्यू गिनी 114 पर ढेर हो गई. अब नेपाल वनडे के दिग्गज टीमों के साथ खेलेगी.
नेपाल की इस ऐतिहासिक जीत के साथ कई महत्वपूर्ण घटनाएं जुड़ी हुईं हैं. ICC ने नेपाल क्रिकेट बोर्ड के फ़िलाहल सस्पेंड कर रखा है. इस सफर के दौरान नेपाल ने अंतिम ओवर में कई मैच जीते. 2008 में नेपाल डिविज़न 5 में थी. इस डिवीज़न में अफ़ग़ानिस्तान भी थी. लेकिन अब वह वनडे की बड़ी टीमों से लोहा लेगी.
नेपाल ने इस मैच में कोई भी ग़लती नहीं की. टॉस जीतकर उसने पापुआ न्यू गिनी को पहले बल्लेबाज़ी करने को कहा. पहले 17 साल के लेग स्पिनर संदीप लामीछाने ने 8 ओवर में 28 रन देकर 4 विकेट लिए और विरोधी टीम के मिडिल ऑर्डर को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद ऐरी ने पुछल्ले बल्लेबाज़ों को पवैलियन की रहा दिखा दी. 115 का लक्ष्य नेपाल ने 23 ओवर में बहुत आसानी से हासिल कर लिया.
पापुआ न्यू गिनी प्रतियोगिता के अपने चारों मैच हार गई. उसका और हांगकांग का वनडे दर्जा भी अब ख़त्म हो गया है. दोनों टीमें अब वर्ल्ड कप लीग के डिवीज़न 2 में आ गई हैं. लेकिन उनके पास अभी भी वनडे खेलने का मौक़ा है. शनिवार को 9वें स्थान के लिए उन्हें खेलना है.