केपटाउन में भले ही रोहित शर्मा का बल्ला ना चला हो लेकिन इस तरह पवेलियन लौटने का ये मतलब नहीं कि इसके अंदर का गुबार खत्म हो गया है। टेस्ट की 4 पारियों में रोहित के बल्ले से सिर्फ 78 रन निकले। वनडे की 3 पारियों में अबतक कुल 35 रन। लेकिन निराश मत होइए उल्टे इस बम के फटने में जितनी देरी हो रही है, अंदर का गुबार उतनी ही तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में जोहानिसबर्ग वनडे में इस बम के सुटकेस से निकलने का हर किसी को इंतजार है। रोहित को भी जोहानिसबर्ग वनडे का इंतजार है।
जोहानिसबर्ग टेस्ट में ही रोहित को ड्रॉप किया गया था। रोहित के चेहरे पर खराब प्रदर्शन और ड्रॉप होने का मलाल साफ दिखता है। हर मैच में मैदान पर हर गेंद को मारने की जिद्द साफ दिखती है। हालांकि,रोहित ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद की लाइन को समझने में भूल कर रहे हैं।
बार-बार एक ही गलती दोहरा रहे हैं और विकेट के पीछे आउट हो रहे हैं लेकिन रोहित जिस टेम्पारेंट में दिख रहे हैं उसमें सही एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते ही वो साउथ अफ्रीका के लिए विनाश ला सकते हैं। रोहित विराट की तरह बडे़ खिलाड़ी हैं और जोहानिसबर्ग में उनके बड़ी पारी की उम्मीद की जा सकती है।