17 मार्च 2007 ये तारिक शायद ही कोई क्रिकेट फैन भूल पाएगा, इसी दिन वेस्टइंडीज के पोर्ट ऑफ स्पेन में बांग्लादेश की युवा टीम ने सितारों से भरी भारतीय टीम को पहले ही मैच में हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया था। उस समय भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे, लेकिन टीम के बिगड़े हालाथों की वजह से टीम बांग्लादेश जैसी टीम से भी हार गई।
उस समय टीम इंडिया के कोच ग्रेग चैपल थे। चैपल के कार्यकाल में टीम में काफी अन-बन चल रही थी। चैपल से विवाद के कारण टीम एकजुट नहीं थी, जिसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा और इसे बाद में भारतीय क्रिकेट का काला समय घोषित किया था।
बतौर 2003 वर्ल्ड कप की उप-विजेता टीम के रूप में इस वर्ल्ड कप में उतीर टीम इंडिया के ग्रुप में बांग्लादेश के अलावा बरमूडा और श्रीलंका थी। हर किसी को उम्मीद थी की भारतीय टीम सेमीफाइनल तक का तो सफर तय कर ही लेगी। लेकिन पहले ही मैच में उन्हें बांग्लादेश के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
इस मैच में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। कप्तान राहुल द्रविड़ का सोचना था कि उनकी टीम पहले बल्लेबाजी करके बड़ा स्कोर खड़ा करेगी और बांग्लादेश पर दबाव डालेगी, लेकिन द्रविड़ का यह प्लान उनपर तब भारी पड़ा जब टीम पूरे 50 ओवर खेले बिना 191 रनों पर सिमट गई।
भारत की ओर से सौरव गांगुली (66) और युवराज सिंह (47) ही थोड़ी बड़ी पारी खेलने में सफल रहे और बाकी बल्लेबाज जूझते नजर आए। टीम के तीन खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी, हरभजन सिंह और अजीत अगरकर तो खाता भी खोल नहीं पाए थे। बांग्लादेश की ओर से मशरफे मुर्तजा ने 4 विकेट लिए जबकि अब्दुल रज्जाक और मोहम्मद रफ़ीक के खाते में 3-3 आए।
192 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम ने 48.3 ओवर में ही जीत हासिल कर ली, भारतीय तेज गेंदबाजों ने उन्हें टक्कर देने के लिए जोर तो लगाया, लेकिन तमीम इकबाल (51), मुश्फिकुर रहीम (56*) और शाकिब अल हसन (53) के शानदार अर्धशतकों के सामने वो उन्हें हारा ना पाए। बांग्लादेश ने इस तरह भारत को वर्ल्ड कप के पहले ही मुकाबले में 5 विकेट से मात देकर बड़ा उलटफेर कर दिया।
इस वर्ल्डकप में भारत ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गया था। बांग्लादेश से मिली हार के बाद भारत को अगले पड़ाव पर पहुंचने के लिए बाकी दो मैच जीतना जरूरी थे। भारत ने बरमूड़ा पर तो 257 रनों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की, लेकिन श्रीलंका के हाथों वह 69 रनो से हारे और इसका खामियाजा उन्हें वर्ल्ड कप 2007 से बाहर होकर उठाना पड़ा।