छह दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस के इस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, भाजपा नेता विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास और साध्वी रितम्बरा समेत कुल 32 अभियुक्त हैं।
ट्रस्ट के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन ने IANS को बताया, जब तक खड़ी धान की फसल काटी नहीं जाती, तब तक जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होगा। हरी खेती को अनावश्यक रूप से नुकसान पहुंचाना इस्लाम में हराम (निषिद्ध) है।
ऑल इंडिया मुस्लिम वीमेन पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमडब्ल्यूपीएलबी) निकाय बाबरी मस्जिद के बदले में मुसलमानों को दिए गए पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने के पक्ष में नहीं है।
सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने एक विवादित बयान देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी और आगे भी रहेगी क्योंकि यह इस्लाम का कानून है कि जहां एक बार मस्जिद बन जाती है, वह जमीन मस्जिद ही रहती है।
राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मस्जिद निर्माण के लिये पांच एकड़ जमीन अयोध्या के धन्नीपुर गांव में आवंटित की है। आईआईसीएफ, मस्जिद निर्माण, इंडो इस्लामिक सेंटर, पुस्तकालय और अस्पताल बनाने में इस जमीन का इस्तेमाल करेगा।
ऑल इंडिया इमाम असोसिएशन (कुल हिन्द इमाम) के प्रेजिडेंट मौलाना साजिद रशीदी ने राम मंदिर भूमि पूजन के बाद एक आपत्तिजनक बयान दिया है जिससे विवाद बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में भूमि पूजन के बाद राम मंदिर की आधारशिला रखी। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी फिर जहर उगला है।
न्यायालय ने अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि ‘राम लला’ को सौंपते हुये वहां राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। इस मामले पर जमीयत उलेमा-हिंद की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख मौलाना सैयद अशहद रशिदी ने भी पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि बाबरी मस्जिद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद न्यायपालिका पर भरोसा ‘कमजोर’ हुआ है और 99 फीसद मुसलमान चाहते हैं कि इस निर्णय पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल की जाए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कूच बिहार में कहा कि जैसे हिंदुओं में चरमपंथी हैं वैसे अल्पसंख्यकों में अतिवाद सामने आ रहा है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने रविवार को कहा कि उनका संगठन अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा...
अयोध्या पर कानूनी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। रविवार को AIMPLB की बैठक के बाद ये ऐलान किया गया कि सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गहरी असहमति प्रकट की है।
अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही पीठ के इस जज ने भगवान राम के जन्म पर एक अलग ही दृष्टिकोण दिया। हालांकि निर्णय में जज का नाम नहीं दिया गया, लेकिन निर्णय में उनके विचार को परिशिष्ट के तौर पर जोड़ दिया गया...
सीएम योगी ने कहा कि निश्चित ही यह फैसला बहुत कुछ संदेश दे रहा है। एक भारत और श्रेष्ठ भारत के संकल्प को आगे बढ़ाने, किसी परिवार या किसी वर्ग, समुदाय या धर्म से उठकर जो फैसला दिया गया है और जिस प्रकार से इसे लोगों ने स्वीकारा है वह प्रशंसनीय है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड पर लाये गये जनम साखी में गुरु नानक देवजी की अयोध्या की यात्रा का वर्णन है, जहां उन्होंने भगवान राम के जन्मस्थान का दर्शन किया था।
फैसले के बाद की स्थितियों को लेकर जतायी जा रही तमाम आशंकाओं और अटकलों के विपरीत उत्तर प्रदेश में हालात बिल्कुल सामान्य रहे। शुरू में सड़कों पर सन्नाटा जरूर दिखा, मगर बाद में लोगों और वाहनों का आवागमन सामान्य रहा।
शीर्ष अदालत के फैसले का हिन्दू नेताओं और समूहों ने व्यापक स्वागत किया, वहीं मुस्लिम नेतृत्व ने इसमें खामियां बताते हुए कहा कि वे निर्णय को स्वीकार करेंगे। उन्होंने भी शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। इसके साथ ही राजनीतिक दलों ने कहा कि यह अब आगे बढ़ने का समय है।
नया घाट पर कोई विशेष गतिविधि नहीं थी। इक्का-दुक्का श्रद्धालु डुबकी लगाते नजर आए। एक भी पुरोहित नहीं दिखा। केवल पुलिसकर्मी, मीडिया के लोग और कुछ साधु संत नजर आए।
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