लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी।
पूरे चुनाव की डिक्शनरी कैसे बदलती है कुछ घंटे पहले पूरा खेल बदल गया . कल तक चुनाव 400 पार के नारे के आसपास घूम रहा था अब बस तीन लेटर चल रहे हैं CAA . मोदी की पार्टी कह रही है जो कहा सो किया . 2019 में बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में जो कहा था वो वादा पूरा कर दिया. जो पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं वो
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना जारी होने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता है।
देशभर में आज से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हो गया है। मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी भी शुरू हो गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिटीज़न अमेंडमेंट एक्ट (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब इस नियम के तहत सरकार तीन देशों से दिसंबर 2014 तक आये प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देना शुरू कर देगी।
सीएए के नए कानूनों के तहत मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को तेजी से नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (सीएए) का नोटिफिकेशन आज जारी किया जा सकता है।
CAA में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान हैं। इसे लेकर कुछ साल पहले देश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए थे।
इजरायली सेना ने गाजा के आम नागरिकों को लेकर बड़ी अपील जारी की है। इजरायली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि इजरायल की जंग हमास के खिलाफ है, यह गाजा के आम लोगों के विरुद्ध नहीं है। हम हमास से लड़ रहे हैं। लोगों से साउथ गाजा की ओर जाने की अपील करते हैं। गाजा को हमास से मुक्त कराने और हमास के खात्मे तक हमारी जंग है।
इजरायल हमास युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की दोस्ती नए मुकाम पर जा पहुंची है। अमेरिका ने इजरायल को बड़ा तोहफा देते हुए वहां के नागरिकों को 90 दिनों तक के लिए बिना वीजा ही अपने देश की यात्रा कर सकने की इजाजत दे दी है। यह दोनों देशों की मजबूत दोस्ती का प्रमाण भी है।
हिंदूू अल्पसंख्यकों के साथ जोर-जबरदस्ती करने वाला पाकिस्तान चीन के डर से इस कदर घबरा गया कि ईश निंदा में गिरफ्तार चीनी नागरिक को उसे तत्काल रिहा करना पड़ गया। पाकिस्तान की अदालत ने भी चीन से पंगा लेना उचित नहीं समझा और उसे छोड़े जाने का फरमान सुना दिया। चीन के आगे पाकिस्तान को इस तरह झुकना पड़ गया।
2021 में अमीना ने 17 और 14 साल की उम्र के अपने 2 बच्चों के साथ बेंगलुरु में अपनी मां के घर लौटने का फैसला किया।
वर्ष 2011 से भारत की नागरिकता छोड़कर विदेश बसने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 11 वर्षों में करीब 16 लाख लोग भारत की नागरिकता को त्याग कर दूसरे देशों में बस चुके हैं।
सऊदी अरब ने नागरिकत नियम में फेरबदल किया है। इसका असर भारतीयों पर भी पड़ेगा। हालांकि यह असर नकारात्मक नहीं होगा। वहीं हज के लिए भी सऊदी अरब ने हज के लिए भी भारत से हज यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी की है। पढ़िए पूरी खबर।
भारत की नागरिकता छोड़ने वालों के कुछ प्रमुख कारण हैं। जिससे लोग यहां से निकल रहे हैं। इस साल के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं।
China spying India from Nepali citizen:नेपाली नागरिक से चीन द्वारा भारत की जासूसी कराने का मामला सामने आया है। भारत आकर नेपाल का नागरिक चीन को खुफिया जानकारी मुहैया करा रहा था। वह काफी लंबे समय से भारत में अलग-अलग जगहों पर रहा और चीन के लिए भारत से अहम सूचनाएं इकट्ठा कर उसे देता रहा।
Gujarat: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले और इस समय गुजरात के आणंद और मेहसाणा जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को नागरिकता कानून 1955 के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2020 में स्पष्ट किया था कि वह केंद्र की बात सुने बिना CAA के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगाएगा। याचिका दायर करने वाले अन्य महत्वपूर्ण लोगों में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, आरजेडी नेता मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं।
नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA 11 दिसंबर 2019 को संसद से पारित हुआ था। लेकिन 3 साल होने को आए हैं मगर अभी तक इस कानून के लिए गृह मंत्रालय नियम तय कर पाया है। इसको लेकर अब मंत्रालय को अतिरिक्त समय दिया गया है।
Russia Vs America: यूक्रेन वॉर को लेकर रूस और अमेरिका के बीच कितना तनातनी चल रही है, यह बात पूरी दुनिया जानती है। दोनों ही देशों के बीच लंबे समय से तीखी जुबानी जंग भी चल रही है।
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