एचयूएल, आईटीसी, डाबर, ब्रिटानिया, नेस्ले और इमामी जैसी प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों की जून तिमाही की आय में ग्रामीण बाजारों से ‘अच्छी खबर’ और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिये मजबूत वृद्धि हुई है।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक रवींद्र वर्मा ने कहा, "उत्पाद खंडों और फर्मों के लिए राजस्व वृद्धि अलग-अलग होगी। ग्रामीण मांग में सुधार से इस वित्त वर्ष में एफएंडबी खंड में आठ-नौ प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘भविष्य की ओर देखें तो भारत में एफएमसीजी सेक्टर निरंतर वृद्धि के लिए तैयार है। पूर्वानुमानों के अनुसार, 2024 में इसमें सात से नौ प्रतिशत की वृद्धि होगी।’’
कंसल्टिंग फर्म कांतार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की तिमाही में उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की बिक्री शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत में रिवाइवल की उम्मीद नजर आ रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण बाजार में साल 2024 में पुनरुत्थान होने की संभावना है। जहां शहरी क्षेत्र के तनाव में रहने की संभावना है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र साल की दूसरी तिमाही में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि एविएशन इंडस्ट्री भी बड़े पैमाने पर प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने जा रही है। इस सेक्टर में सबसे बड़ा निवेश एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्रा. लि. द्वारा किया जा रहा है।
बाजार के जानकारों के अनुसार कंपनियां एक ओर जहां साबुन तेल मंजन आदि की कीमतों में कटौती कर सकती हैं, वहीं बिस्किट आदि खाने पीने के सामान का वजन बढ़ाकर ग्राहकों को आकर्षित कर सकती हैं।
सरकार के लिए बजट में अब प्रमुख चुनौती बढ़ती महंगाई के बीच अर्थव्यवस्था में मांग को बरकरार रखने की है। इसके लिए गांवों में उपभोक्ताओं के हाथों में काम की उपलब्धता बढ़ानी होगी।
इंडिपेंडेंस ब्रांड के लॉन्च के अवसर पर रिलायंस रिटेल की निदेशक, ईशा अंबानी ने कहा कि मुझे स्वयं का ब्रांड इंडिपेंडेंस के लॉन्च की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
गोदरेज नंबर 1 साबुन के बंडल पैक (प्रत्येक 100 ग्राम की पांच यूनिट) की कीमत 140 रुपये से घटाकर 120 रुपये कर दी है।
FMCG Companies: दूसरी तिमाही में FMCG कंपनियों पर महंगाई की मार पड़ने जा रही है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाले एफएमसीजी उद्योग के लिए कुछ कच्चे माल की आपूर्ति पर महंगाई का दबाव कम होने के बावजूद विनिर्माताओं को यह आशंका सता रही है
Delhi Police: दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हम ट्रैफिक की जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया सहित सभी मंचों का उपयोग कर रहे हैं। हम दिल्ली पुलिस के ऐप ‘तत्पर’ के जरिए भी लोगों को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैफिक की सूचना दे रहे हैं।
Plastic Ban: प्लास्टिक बैन लागू होते ही पार्ले एग्रो, डाबर, अमूल और मदर डेयरी जैसी प्रमुख कंपनियों ने टेट्रा पैक के साथ अब दूसरे समाधानों की पेशकश करनी शुरू कर दी है।
इसके अलावा इन कंपनियों ने किसी उत्पाद के बड़े पैकेट के दाम में बढ़ोतरी की है। हालांकि, यह वृद्धि भी 10 प्रतिशत से कम की है।
चिप्स,बिस्किट और नमकीन के छोटे पैकेट का बाजार ज्यादा बड़ा है। इसमें 5 रुपये और 10 रुपये के पैकेट का एक अलग उपभोक्ता वर्ग है जिसकी संख्या अधिक है।
पारले प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा, हम उद्योग द्वारा कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
नील्सन आईक्यू की रिटेल इंटेलिजेंस टीम की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा जिंसों की ऊंची कीमत जैसे वृहत आर्थिक कारकों ने तिमाही के दौरान खपत वृद्धि को प्रभावित किया।
मुंबई के एक थोक एफएमसीजी डीलर ने कहा कि शहरी बाजारों में अधिकांश कंपनियों ने डिटर्जेंट की कीमत में 2 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।
कंपनियों ने कहा है कि बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए वह अपनी उत्पादक्ष क्षमता में बढ़ोतरी कर रहे हैं
सरकार ने भी इस बात को समझा है कि वह जब लॉकडाउन की घोषणा करते हैं तो उन्हें क्या करना चाहिए।
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