सेबी से निर्देश मिलने के बाद एक्सचेंजों ने अपने सभी सदस्य ब्रोकरों को निर्देश जारी कर दिया है कि डेरिवेटि सेग्मेंट में ज्यादा ट्रेड करने वाले लोगों से ज्यादा मार्जिन लेना शुरू कर दें
सेकेंड हैंड सामान खरीदने या बेचने पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) नहीं चुकाना होगा, बशर्ते उसे खरीदी गई कीमत से कम कीमत पर बेचा गया हो।
इंडिया रेटिंग्स का कहना है कि डॉलर की तुलना में रुपए में मजबूती से 2017 में फौरी तौर पर कपड़ा और परिधान निर्यातकों की आय और मार्जिन प्रभावित होगा।
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