भारत और अमेरिका के बीच की रणनीतिक साझेदारी अब व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो रही है। यानि इसका दायरा अब और अधिक व्यापक होने जा रहा है। भारत के चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों को यह खबर जाहिर तौर पर अच्छी नहीं लगेगी। मगर भारत-अमेरिका की इस दोस्ती से दोनों देशों की ताकत और बढ़ेगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और और मजबूत नेतृत्व ने एक और कमाल कर दिखाया है। भारत और पोलैंड के रिश्ते अब रणनीतिक साझेदारी में बदलने जा रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच किसी यूरोपी देश के साथ यह साझेदारी काफी अहम मानी जा रही है।
पीएम मोदी का रूस दौरा समाप्त होने के बाद अमेरिका का बड़ा बयान सामने आया है। पेंटागन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रूस के साथ संबंधों में नजदीकी बढ़ने के बावजूद भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बना रहेगा। अमेरिका ने उम्मीद जताई कि यूक्रेन में शांति के लिए भारत रूस से आग्रह करके मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेगा।
भारत के बाद अब अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन में भी राष्ट्रीय चुनावों का दौर आरंभ हो चुका है। ये तीनों ही देश भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं। विभिन्न सर्वे में अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और फ्रांस तक में मौजूदा राष्ट्राध्यक्षों की वापसी की संभावना न के बराबर दिख रही है। हालांकि यहां सत्ता बदली तो भी संबंध स्थिर रहेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी एक दिवसीय दुबई यात्रा के दौरान भारत और यूएई के द्विपक्षीय व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारी को अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने दुबई के हिंदू मंदिर में दर्शन-पूजन भी किया, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था।
पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है। भारत ने दुनिया के तमाम देशों पर भरोसे की नई नींव पैदा की है। यही वजह है कि अब इंडोनेशिया भी भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदीर को और अधिक मजबूत करने में जुटा है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन का उत्तर कोरिया दौरा यूं ही नहीं है। पुतिन ऐसे वक्त में उत्तर कोरिया की यात्रा पर हैं, जब यूक्रेन युद्ध चरम पर है और पश्चिमी देश एक बार फिर जेलेंस्की की भरपूर मदद में उतर आए हैं। ऐसे वक्त में रूस और उत्तर कोरिया ने नई रणनीतिक साझेदारी करके दुनिया भर में भारी हलचल पैदा कर दी है।
इटली में संपन्न हुए जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान भारत और इटली की रणनीतिक और सामरिक साझेदारी को और मजबूत बनाने पर बल दिया गया। साथ ही भारत-यूरोप आर्थिक गलियारे में सहयोग पर सहमति बनी।
चालबाच चीन ने श्रीलंका में रणनीतिक समुद्री हवाई अड्डा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे भारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ने लगी हैं। श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणावर्धने ने चीन की ओर से कोलंबो में स्ट्रैटेजिक सीपोर्ट और इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाए जाने की पुष्टि की है।
अमेरिका, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बाद अब सऊदी अरब भी भारत के साथ रक्षा सहोयग बढ़ाने को आतुर है। दोनों देश रक्षा के क्षेत्र में सहयोग की बेहतरीन संभावनाएं तलाश रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आगामी समय में सऊदी अरब भारत का नया रणनीतिक रक्षा साझेदार हो सकता है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के दोस्ती से चीन और कनाडा जैसे दुश्मन परेशान हैं। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद से भारत और कनाडा के रिश्ते खराब हैं। इस बीच ऑस्ट्रेलिया ने कनाडा का मित्र होने के बावजूद भारत के साथ अपनी दोस्ती को अधिक अहमियत दी है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को अहम रणनीतिक साझेदार बताया है।
भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयों की छूने की ओर अग्रसर है। भारत ने पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार को भारत-अमेरिका स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम का बोर्ड सलाहकार बनाया है। इससे दोनों देशों की रक्षा साझेदारी को नया मुकाम हासिल करना आसान हो जाएगा।
भारत-अमेरिका स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम ने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को आधारहीन बताया है। USISPF के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि ट्रूडो ने बिना ठोस सुबूतों के भारत के खिलाफ आरोप लगाए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें पर्याप्त और प्रमाणिक सुबूत होने के बाद ही ऐसे आरोप लगाने थे।
भारत और अमेरिका में रणनीतिक साझेदारी समझौता होने के बाद से दोनों देश रक्षा के क्षेत्र में नई इबारत लिखने को बेताब हैं। भारत में अमेरिका के सहयोग से जल्द फाइटर प्लेन, टोही विमान, निगरानी विमान समेत अन्य रक्षा उपकरणों का उत्पादन शुरू होने वाला है। इसके लिए पेंटागन भारत सरकार के साथ सक्रियता को बढ़ा रहा है।
भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी अब नया मुकाम हासिल करने वाली है। दोनों देशों ने अपने-अपने टॉप और सेवानिवृत्त सैन्य अफसरों को इसकी कमान सौंपी है। भारत की ओर से जनरल एमएम नरवणे (सेवानिवृत्त) और अमेरिका की ओर से रिचर्ड क्लॉर्क (सेवानिवृत्त) स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की कमान संभाल रहे हैं।
भारत और यूनान के संबंधों को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूनान की यात्रा करने वाले हैं। पिछले 40 वर्षों में यूनान की यात्रा करने वाले वह देश के पहले पीएम होंगे। उनसे पहले वर्ष 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरागांधी ने यूनान की यात्रा की थी।
भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों की नई पौध तैयार है। पीएम मोदी की जून में अमेरिका यात्रा के बाद से दोनों देशों के बीच बहुत कुछ बदल चुका है। भारत और अमेरिका अब दुनिया का भविष्य बनने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों को वैश्विक समस्याओं और उसके समाधान की चिंता है। भारत और अमेरिका अब वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में नया रोल।
इन दिनों भारत और अमेरिका की दोस्ती स्वर्णिम दौर से गुजर रही है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी होने से भारत-अमेरिका के सैन्य संबंध भी नए मुकाम पर हैं। यह बात शीर्ष अमेरिकी जनरल ब्राउन ने कही है। उन्होंने क्वाड को दुनिया की नई ताकत बताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज अमेरिका दौरे का आखिरी दिन है। वह थोड़ी देर में रोनाल्ड रीगन में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका कैनेडी सेंटर में यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम को संबोधित किया।
भारत में मंगलूर स्थित कच्चे तेल के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार के लिए 20 लाख बैरल कच्चे तेल की पहली खेप संयुक्त अरब अमीरात से रवाना हो गई है। कच्चे तेल के इस भंडार से भारत को आपूर्ति में होने वाली बाधाओं से निपटने में मदद मिलेगी।
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