रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक खतरनाक बीमारी के इलाज को लेकर बड़ा ऐलान किया है। पुतिन ने अपनी घोषणा में कहा कि रूस जल्द ही दुनिया की एक खतरनाक बीमारी के इलाज के लिए वैक्सीन बनाएगा।
Dengue Vaccine: डॉ राजीव बहल ने मंगलवार को बताया कि दो कंपनियां डेंगू वैक्सीन बनाने के लिए ट्रायल कर रही हैं। 18 से 60 साल की आयु के बीच के 100 वयस्कों पर ट्रायल पूरा कर लिया गया है।
कैंसर और हृदय रोगों के लिए प्रभावी टीका बनाने में वेज्ञानिकों को लगभग सफलता मिल गई है। विशेषज्ञों ने कहा है कि कैंसर सहित कई स्थितियों के लिए नए टीकों के एक महत्वपूर्ण सेट से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने मेड-इन-इंडिया वैक्सीन iNCOVACC को लॉन्च किया।
भारत में कोविड की एक नई लहर के फैलने को लेकर पैदा हो रही आशंकाओं के बीच एक्सपर्ट्स ने कहा है कि देश में अभी वैक्सीन की चौथी डोज देने की कोई जरूरत नहीं है।
यह वैक्सीन जनवरी के चौथे सप्ताह से बाजार में उपलब्ध होगी। इस वैक्सीन का इस्तेमाल 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग बूस्टर डोज के तौर पर कर सकेंगे। यह दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन है जिसे इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
चीन में कोरोना के केस बढ़ने के बावजूद लोग टीके के दुष्प्रभावों की बात कहकर वैक्सीन नहीं लेना चाहते।
चीन में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। सरकार इस बात की टेंशन में है कि कैसे इस महामारी पर काबू पाया जाए। चीन में वैक्सीन की तीनों डोज लेने वाले भी सुरक्षित नहीं है। इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों को दूसरा बूस्टर डोज जल्द लगवाना चाहिए।
Corona Crisis के बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के मामले बढ़ने से पहले ही सरकार ने लोगों को राहत मिले इसके इंतज़ाम कर लिए हैं। इसके तहत भारत में एक और Booster Dose Vaccine को मंजूरी मिल गई है। #coronavirus #omicronvariant #mansukhmandaviya #indiatv #hindinews
दुनिया में सबसे पहले चीन ने अपनी वैक्सीन 'सिनोवैक' बनाने का दावा किया था, तभी से चीनी वैक्सीन पर दुनिया ने सवाल उठा दिए थे। अब चीन में कोरोना के कहर और मौतों ने एक बार फिर चीनी वैक्सीन को 'बेअसर' साबित किया है। जर्मनी ने भी चीनी वैक्सीन पर भरोसा न करके चीन में जर्मनी के प्रवासियों के लिए अपनी वैक्सीन भेजी है।
एक लेटेस्ट रिसर्च में यह दावा किया गया है कि फ्लू का टीका लेने से दिल का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। इन टीकों को 65 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को लगवाना चाहिए, जो डायबिटीज, हार्ट की बीमारी, अस्थमा, सांस संबंधी बीमारी, किडनी या लिवर जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं।
Heart Attack & Covid: कभी 19 साल के युवक की हृदयाघात से मौत तो कभी 21 साल के नौजवान की मौत, कभी गरबा करते हार्ट अटैक तो कभी रामलीला में किरदार निभाते मौत..... और वह भी ऐसी मौत कि संभलने का कोई मौका नहीं दे रही। बस, झटपट आई और प्राण हर ले गई।
Covishield Vaccine:कोरोना के खिलाफ बनी कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर अब तक की सबसे बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इससे कोविशील्ड लगवाने वाले लोगों में हलचल मच गई है।
India Cancer Vaccine: कैंसर मरीजों के लिए अब तक की सबसे बड़ी खुशखबरी है। भारतीय वैज्ञानिकों ने कैंसर की एक ऐसी स्वदेशी वैक्सीन खोज ली है, जिसकी डोज दिए जाने के बाद लोगों में इस बीमारी के होने की संभावना लगभग नगण्य हो जाएगी।
पेराम्ब्रा के रांडेयारू की 53 वर्षीय पी चंद्रिका के चेहरे पर 21 जुलाई को कुत्ते ने काट लिया था और 22 अगस्त उसकी मौत हो गई था। खबरों में कहा गया था कि वैक्सीन की चार खुराक लेने के बाद भी इस महिला की संदिग्ध रूप से रेबीज से मौत हो गई।
Booster Dose UK: एमएचआरए की मुख्य कार्यकारी डॉ जे राइन ने कहा कि उन्हें नए बूस्टर टीके को मंजूरी दिए जाने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है जो नैदानिक परीक्षण में ओमीक्रोन के साथ ही 2020 के मूल स्वरूप के खिलाफ कारगर पाया गया।
Monkeypox: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स वायरस के वेरिएंट के लिए नए नामों की घोषणा की है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि यह किसी भी सांस्कृतिक या सामाजिक अपराध से बचने के लिए है।
Corbevax Vaccine: सूत्र के मुताबिक, कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीकों की दूसरी खुराक के प्रशासन की तारीख से 6 महीने या 26 सप्ताह पूरे होने के बाद कार्बेवैक्स वैक्सीन को एहतियाती खुराक के रूप में माना जाएगा।
Monkeypox Vaccine: स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मंत्रालय द्वारा अनुमोदित इस टीके को मंकीपॉक्स के खिलाफ 85 प्रतिशत प्रभावी माना जाता है।
COVID-19 Vaccine: भारत में भी सरकार ने प्राथमिकता से लोगों को टीका लगाना शुरू किया। अब तक 200 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज देश में लगाई जा चुकी हैं। देश में 16 जनवरी 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी।
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