Friday, December 13, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पश्चिम बंगाल
  3. आ गई घातक निपाह वायरस की वैक्सीन, इंसानों पर ट्रायल शुरू, कोलकाता के इन अस्पतालों में लग सकता है टीका

आ गई घातक निपाह वायरस की वैक्सीन, इंसानों पर ट्रायल शुरू, कोलकाता के इन अस्पतालों में लग सकता है टीका

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के महामारी विज्ञान संस्थान ने निपाह वायरस की वैक्सीन बनाई है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप अब मानव परीक्षण में सबसे आगे है। निपाह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्राथमिकता सूची में शामिल एक बीमारी है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Jul 22, 2024 16:18 IST, Updated : Jul 22, 2024 16:18 IST
Nipah Virus- India TV Hindi
Image Source : PTI निपाह वायरस बच्चे की मौत के बाद सुरक्षा किट में स्वास्थकर्मी

ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में घातक निपाह वायरस वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू हो गया है। इस वैक्सीन को चैडॉक्स1 निपाह बी कहा जाता है। डॉक्टरों, शोधकर्ताओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस प्रयास को बहुत महत्वपूर्ण बताया है। नुकसान के मामले में निपाह वायरस अब रेबीज के बाद दूसरे स्थान पर है। इस बीमारी से संक्रमित होने पर लगभग 75 प्रतिशत प्रभावित लोगों की मृत्यु हो जाती है। जहां रेबीज के लिए कोई टीका है, वहीं निपाह वायरस के लिए कोई टीका नहीं है।

हाल ही में केरल में 14 साल के बच्चे की मौत के बाद देशभर में चिंता स्वाभाविक रूप से बढ़ गई है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के महामारी विज्ञान संस्थान ने निपाह वायरस की वैक्सीन बनाई है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप अब मानव परीक्षण में सबसे आगे है। निपाह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्राथमिकता सूची में शामिल एक बीमारी है।

पूरी दुनिया को महामारी से बचा सकती है वैक्सीन

11 जनवरी को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक अधिसूचना के जरिए इंसानों में निपाह वायरस के प्रायोगिक इस्तेमाल की घोषणा की थी। मानव शरीर में निपाह वायरस वैक्सीन परीक्षण के प्रमुख और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में नफिल्ड मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर ब्रायन एंजेस ने कहा, 'निपाह वायरस को इसकी उच्च मृत्यु दर और तेजी से फैलने के कारण एक महामारी के रूप में पहचाना गया है। इस समस्या के समाधान में इस वैक्सीन ट्रायल को एक मील का पत्थर माना जा सकता है। परिणामस्वरूप इस बीमारी के प्रकोप को रोका जा सकता है। वैक्सीन दुनिया को भविष्य की महामारियों से बचाने में मदद कर सकती है।'

51 लोगों पर होगा ट्रायल

ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का परीक्षण 18 से 55 साल की उम्र के 51 लोगों पर किया जाएगा।  परीक्षण में भाग लेने वाले 51 प्रतिभागियों में से छह को चैडॉक्स1 निपाहबी वैक्सीन की दो खुराक के साथ निपाह वायरस का टीका लगाया जाएगा। शेष 45 में से कुछ को टीके की एक खुराक और प्लेसीबो या शैम की एक खुराक मिलेगी। किसी भी समूह को टीके की दो खुराकें या प्लेसीबो की दो खुराकें मिलेंगी। कैमोमाइल का कोई उपचारात्मक प्रभाव नहीं है, लेकिन इसका उपयोग दवा में किया जाता है। यह दवा आमतौर पर मरीज को मानसिक रूप से आश्वस्त करने के लिए दी जाती है। निपाह वायरस के परीक्षण में इस्तेमाल किया जाने वाला डिकॉय मूल रूप से खारा पानी है।

कोलकाता के तीन अस्पतालों में हो सकता है ट्रायल

पहले दौर का ट्रायल खत्म होने के बाद इस वैक्सीन का ट्रायल भारत में किया जा सकता है। भारत के पश्चिम बंगाल में 3 सरकारी अस्पतालों को ट्रायल के लिए चिन्हित किया गया है। स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन, एसएसकेएम या नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए लोगों को टीका लगाया जा सकता है। राज्यों के हेल्थ ऑफिस के सूत्र से मिली खबर के अनुसार साल में इस वैक्सीन का दूसरे चरण का ट्रायल शुरू हो सकता है।

(कोलकाता से ओंकार सरकार की रिपोर्ट)

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें पश्चिम बंगाल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement