मांसाहारी थाली के मामले में कीमत एक साल पहले की अवधि में 59.2 रुपये की तुलना में घटकर 54 रुपये हो गई। हालांकि जनवरी के 52 रुपये की तुलना में अधिक है।
कोलकाता में सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीना मुहाल किया हुआ है और हालात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि मटर और अदरक जैसी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
पिछले दिनों घरेलू एलपीजी (LPG gas cylinder prices) की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती कर दी गई। इससे एलपीजी की मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर (-) 12.7 प्रतिशत हो गई। अगस्त में यह 4.2 प्रतिशत थी।
जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 15 महीने के उच्च स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।
Vegetable Price: बारिश के कारण पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आई आपूर्ति जल्दी खत्म हो गई। अब हिमाचल प्रदेश दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए एकमात्र आपूर्तिकर्ता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि टमाटर और सब्जियों की लूट न हो जाए इसलिए साथ में बंदूक और ब्रीफकेस लेकर सब्जी लेने आना पड़ा है। इसी कारण सुरक्षा व्यवस्था के साथ सब्जी खरीदनी पड़ रही है।
Online or Offline: आज के समय में फ्रेश वेजिटेबल्स के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में यह रिपोर्ट हम सभी के लिए बेहद काम की हो सकती है।
आजकल मार्केट में आसानी से हरी सब्जियां मिल जाती है। क्या आपको पता है कि ये सभी सब्जियां जहरीली हो गई है। हां सही पढ़ रहे हैं। आपके घरों में बनने वाली सब्जियां अब जहरीली बन चुकी है।
Vegetable Price Hike: दिवाली से पहले दूध के बाद सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं। महंगी हुई सब्जियों की एक वजह लगातार हुई बारिश को भी माना जा रहा है।
प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश की वजह से फसल खराब हो गई है। इस वजह से कई प्रमुख महानगरों में टमाटर की खुदरा कीमत 72 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
पाकिस्तान की आम जनता इन दिनों महंगाई से बुरी तरह त्रस्त है। चीनी और आटे से लेकर अंडे तक सबके दाम लगातार उछाल मार रहे हैं।
बीते 10 दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर का दाम डेढ़ गुना बढ़ गया है जबकि एक पखवाड़े में टमाटर का भाव दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। दिल्ली में लोगों को एक किलो टमाटर के लिए 80 रुपए से ज्यादा चुकाने पड़ रहे है, जबकि एक पखवाड़े पहले दिल्ली में टमाटर 30-40 रुपए किलो मिल रहा था।
इस बार त्योहारी सीजन में सब्जियों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद कम है। रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति में आशंका जताई है कि सर्दियों की सप्लाई शुरू होने तक सब्जियों की कीमतें ऊपरी स्तर पर बनी रह सकती हैं।
केरल में 1924 के बाद आई सबसे भयानक बाढ़ से पैदा हुई भीषण त्रासदी से सब्जियों की भारी किल्लत हो गई है, जिसके कारण कीमतों में काफी इजाफा हो गया है।
उपभोक्ताओं के लिए यह अच्छी खबर है। खुदरा महंगाई दर (CPI) जुलाई में 4.17 फीसदी रही। इससे पिछले महीने में यह 4.90 फीसदी थी।
एक साल पहले जो शहर किसान आदोलन का केंद्र था वहां आंदोलन के पहले दिन अजीब सी शांति दिखी। मध्य प्रदेश के मंदसौर के ज्यादातर किसान बाजार का रुख न कर घर पर ही रहे। सामान नहीं पहुंचा तो मंडी में सन्नाटा पसरा रहा।
Onion prices in the market shot up to Rs 80 per kilogram (kg) in Delhi and a few other cities due to a squeeze in supply, suggesting that if the trend continues, retail inflation in India might also g
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति आगामी महीनों में और नीचे आएगी। 2018 में यह औसतन 2.8 प्रतिशत पर रहेगी। नोमूरा ने यह अनुमान जताया गया है।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र के एपीएमसी में नवंबर माह के दौरान सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट आई।
संपादक की पसंद