Saturday, April 27, 2024
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मुरादाबाद और रामपुर में कैंडिडेट्स पर बुरी तरह घिर गई सपा, कितनी सीटों पर हो सकता है असर

आजम खान के दबाव में एसटी हसन के टिकट को काटकर अखिलेश यादव ने रुचि वीरा को उम्मीदवार बना दिया है। लेकिन, पार्टी के भीतर ही सवाल उठ रहे हैं कि कहीं यह फैसला महंगा न पड़ जाए।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: March 28, 2024 14:12 IST
azam khan akhilesh yadav- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO आजम खान और अखिलेश यादव

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में समाजवादी पार्टी कुनबे में राजनीति गरमा गई है। आजम खान की जिद के आगे सपा नेतृत्व मुरादाबाद में झुक गया। आजम खान के दबाव में एसटी हसन के टिकट को काटकर अखिलेश यादव ने रुचि वीरा को उम्मीदवार बना दिया है। बता दें कि समाजवादी पार्टी ने मुरादाबाद की लोकसभा सीट से पहले सांसद एसटी हसन को उम्मीदवार बनाया था। एसटी हसन ने मंगलवार को नामांकन भी दाखिल कर दिया। लेकिन इस बीच सपा ने एसटी हसन का टिकट काट दिया और उनके स्थान पर रुचि वीरा को अपना नया उम्मीदवार घोषित कर दिया है।  

अखिलेश के दबाव में आने का क्या तुक था?

लेकिन, पार्टी के भीतर ही सवाल उठ रहे हैं कि कहीं यह फैसला महंगा न पड़ जाए। मौजूदा सांसद का टिकट काटा जाना कई सीटों के समीकरण प्रभावित कर सकता है।  एसटी हसन ने 2019 का लोकसभा चुनाव 97 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से जीता था। ऐसे में उनका टिकट काटने का फैसला सपा के नेताओं के ही गले नहीं उतर रहा है।  सपा के एक पूर्व एमएलसी का कहना है कि एक नेता के दबाव में टिकट बदलने से आम मतदाताओं में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। पार्टी के लिए भी यह हितकर नहीं कि सामूहिक नेतृत्व के बजाय व्यक्ति विशेष के निर्णय को तरजीह दी जाए।  

इन सीटों पर पड़ेगा असर

सपा के ही नेताओं का मानना है कि आजम खां का प्रभाव रामपुर में तभी दिखता है, जब वह खुद मैदान में हों। 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव रामपुर से सपा प्रत्याशी के तौर पर जयाप्रदा जीती थीं। तब आजम खां ने तत्कालीन महासचिव अमर सिंह से 36 का आंकड़ा होने के चलते जयाप्रदा का विरोध किया था। उनका तर्क है कि आजम के खुले विरोध के बावजूद रामपुर में जब सपा प्रत्याशी जयाप्रदा जीत सकती हैं, तो फिर उनके इतने दबाव में आने का क्या तुक था?

टिकट कटने से आसपास की मुस्लिम बहुल सीटों-अमरोहा, रामपुर, बदायूं, नगीना, आंवला और मेरठ पर खराब असर पड़ सकता है।

आजम खान की खास हैं रुचि वीरा

बता दें कि मुरादाबाद से मौजूदा सांसद एसटी हसन को अब अपना नामांकन वापस लेना पड़ रहा है। खबरों की मानें तो अखिलेश यादव पर आजम खान का दबाव था। इसलिए उन्होंने इस सीट से एसटी हसन का टिकट काट दिया और रुचि वीरा को इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। यानी कुल मिलाकर आजम खान के कहने पर ही अखिलेश यादव ने मुरादाबाद लोकसभा सीट के लिए रुचि वीरा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इस बाबत नाराज एसटी हसन ने कहा कि वह समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नहीं होंगे और अपना पर्चा वापस ले लेंगे।

रामपुर में भी बढ़ सकती है सपा की मुश्किलें

वहीं,रामपुर सीट पर उम्मीदवारों को लेकर जमकर उलटफेर हो रहा है। आजम खान के गढ़ कहे जाने वाले रामपुर से इमाम मोहिबुल्लाह सपा के प्रत्याशी होंगे। आजम खान समेत रामपुर के सपा नेताओं ने मांग रखी थी कि अखिलेश यादव खुद यहां से लड़ें, लेकिन अखिलेश इस बात के लिए राजी नहीं हुए। इस बात पर जिले के सपा नेता नाराज हो गए और उन्होंने चुनाव का बॉयकॉट करने की धमकी पार्टी हाईकमान को दे डाली। खबर ये भी आई कि आजम खान के करीबी आसिम रजा ने पर्चा खरीद लिया है। इस बीच अखिलेश ने रामपुर से इमाम मोहिबुल्ला नदवीका नाम आगे कर दिया। मोहिबुल्लाह नदवी दिल्ली में संसद वाली मस्जिद में नमाज पढ़ाते हैं और रामपुर के ही रहने वाले हैं। रामपुर की स्वार तहसील में इमाम मोहिबुल्लाह का गांव है।

अब रामपुर से आसिम रजा के नामांकन वापसी की कवायद भी तेज हो गई है इसके लिए खुद पार्टी महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने मोर्चा संभाला है। वे आजम खान से मिलने और उन्हें मनाने के लिए सीतापुर जेल जाएंगे। कहा जा रहा है कि अगर आजम खान नहीं मानते हैं तो रामपुर की लड़ाई पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने वाली होगी।

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