Wednesday, April 24, 2024
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राज्यपाल को हटाने के लिए तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रपति से गुहार क्यों नहीं लगा रही: अधीर रंजन चौधरी

पश्चिम बंगाल की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ उनकी हालिया मुलाकात के मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 19, 2021 23:13 IST
अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस नेता- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस नेता

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ उनकी हालिया मुलाकात के मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। साथ ही आश्चर्य जताया कि तृणमूल कांग्रेस धनखड़ को हटाए जाने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाने के बजाय केवल राज्यपाल के खिलाफ मीडिया में बयान क्यों जारी कर रही है? चौधरी ने राज्यपाल के दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और केंद्रीय कोयला मंत्री के साथ बैठक के बारे में सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बातें कहीं। राज्यपाल द्वारा बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा का मुद्दा उठाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस उन पर हमलावर है।

कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, '' मुझे इस बात का आश्चर्य है कि तृणमूल कांग्रेस सरकार राज्यपाल को हटाने का मुद्दा राष्ट्रपति के समक्ष क्यों नहीं उठा रही है। राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति अधिकार होता है। तृणमूल कांग्रेस उन्हें हटाने के लिए केवल मीडिया में ही बयान क्यों जारी कर रही है?'' लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार को चुनाव बाद हुई हिंसा को पूरी तरह रोकना सुनिश्चित करना चाहिए।

दिल्ली में दो दिन पहले धनखड़ द्वारा अधीर रंजन चौधरी के आधिकारिक आवास पर जाकर बैठक करने की खबर को लेकर बहरामपुर के सांसद ने कहा, '' उन्होंने मुझसे मुलाकात की और कहा कि वह मेरे साथ मुलाकात करने और एक कप चाय पीने के इच्छुक थे।'' उन्होंने कहा, '' क्या मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था? मैं सोचता हूं कि मेहमान का स्वागत करना बंगाल की संस्कृति का हिस्सा है। अगर राज्यपाल भविष्य में भी मेरे आवास आते हैं तो भी मैं ऐसा ही करूंगा।''

चौधरी ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को इतनी संख्या में वोट मिले, इसकी एक वजह मुस्लिम समुदाय द्वारा ममता बनर्जी नीत सरकार को समर्थन दिया जाना है। उन्होंने कहा, '' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव के दौरान लगातार किए गए दौरों में नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। ऐसे में समूह के तौर पर मुस्लिम मतदाताओं को लगा कि केवल ममता बनर्जी ही भाजपा को रोक सकती हैं।''

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