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आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमतताओं की होगी जांच, कोर्ट ने सीबीआई को दी जिम्मेदारी

आरजीकर मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी गई है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी को इसे सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Aug 23, 2024 22:28 IST, Updated : Aug 23, 2024 22:28 IST
Financial irregularities in RG Kar Hospital will be investigated court gave responsibility to CBI- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमतताओं की होगी जांच

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। यह निर्णय अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका के बाद लिया गया है, जिन्होंने कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने सीबीआई को जांच से संबंधित प्रगति रिपोर्ट तीन सप्ताह में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। 

आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की होगी जांच

मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी और तभी अदालत रिपोर्ट की समीक्षा करेगी। अदालत ने ‘केस डायरी’ और अन्य संबंधित दस्तावेज शनिवार पूर्वाह्न 10 बजे तक सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। उन्होंने अली की याचिका में एक पक्ष के रूप में शामिल होने के घोष के अनुरोध को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह इस मामले में "आवश्यक पक्ष" नहीं हैं। पूर्व प्राचार्य के वकील ने अनुरोध किया था कि उन्हें अपने मुवक्किल का बचाव करने का अवसर दिया जाए क्योंकि पूर्व उपाधीक्षक अली ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 

कोर्ट में क्या हुआ?

मामले की जल्द सुनवाई की आवश्यकता का दावा करते हुए घोष के वकील ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ न्यायमूर्ति हरीश टंडन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का रुख किया। इस पीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल हैं। लेकिन खंडपीठ ने उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति भारद्वाज ने आदेश पारित करते हुए कहा कि चूंकि अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार-हत्या मामले की जांच पहले ही सीबीआई को सौंपी जा चुकी है, इसलिए इस मामले की "व्यापक और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने” के लिए यह मामला उसी एजेंसी को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। 

सीबीआई करेगी वित्तीय अनियमितताओं की जांच

अदालत ने माना कि मामले में वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप शामिल हैं, जिसके बाद अदालत ने जांच को एसआईटी से लेकर सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति भारद्वाज ने कहा कि मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच के लिए कई एजेंसियां होने से जांच प्रभावित हो सकती है। अदालत ने कहा, इसलिए, जांच को विभिन्न एजेंसियों के बीच विभाजित नहीं किया जाना चाहिए, “सीबीआई को जांच सौंपने से निरंतरता सुनिश्चित होगी।” पश्चिम बंगाल सरकार ने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए कुछ दिन पहले एसआईटी का गठन किया था। 

कोर्ट ने पूछा- एसआईटी का गठन क्यों किया गया?

बृहस्पतिवार की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति भारद्वाज ने राज्य से पूछा था कि अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आने के एक साल बाद एसआईटी का गठन क्यों किया गया। अली ने दावा किया कि उन्होंने 2023 में संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं के बारे में राज्य सरकार के अधिकारियों से शिकायत की थी। एक प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या को लेकर जनाक्रोश के बाद घोष को प्राचार्य पद से हटा दिया गया था। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। 

(इनपुट-भाषा)

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