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'अपराजिता बिल' के बावजूद ममता सरकार से नाराज क्यों हैं छात्र? आज कहां-कहां होगा प्रदर्शन? जानें सबकुछ

ममता बनर्जी की सरकार ने रेप जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ एक बेहद ही कड़ा बिल विधानसभा से पास करवाया है लेकिन फिर भी छात्रों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है और वे अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Sep 04, 2024 7:08 IST, Updated : Sep 04, 2024 7:11 IST
Aparajita Woman and Child Bill, West Bengal, Mamata Banerjee- India TV Hindi
Image Source : PTI ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ छात्रों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित आर. जी. कर हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर को लेकर विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है। दिल्ली में एक बार फिर से आर. जी. कर हॉस्पिटल में हुई घटना के खिलाफ डॉक्टरों ने प्रदर्शन बुलाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंतर-मंतर पर शाम 4 बजे से डॉक्टर प्रदर्शन करेंगे और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग के साथ-साथ मामले में जल्द न्याय की मांग करेंगे। इस बीच ममता सरकार का नया एंटी-रेप बिल भी मंगलवार को विधानसभा में पास हो गया जिसमें रेप से जुड़े कानून को और सख्त करने का प्रस्ताव है। हालांकि छात्रों का गुस्सा फिर भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है।

आज रात मोमबत्ती जलाकर विरोध

कोलकाता रेप केस को लेकर देश के कई इलाकों के साथ-साथ पूरे पश्चिम बंगाल में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। छात्र ममता सरकार के बिल से संतुष्ट नहीं है और यही वजह है कि वे आज रात 9 बजे से 10 बजे तक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के विरोध में मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज ने छात्रों से घर की लाइटें बंद कर, मोमबत्तियां लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। छात्रों की मांग है कि मामले में जो भी आरोपी हैं उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जाए, और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

21 दिन में पूरी करनी होगी जांच

बता दें कि कोलकाता के आर. जी. कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है। इस केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय को 8 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। देश के कई हिस्सों से उसे फांसी देने और अन्य दोषियों को भी पकड़े जाने की मांग की जा रही है। इस बीच मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेप के मामलों में फांसी की सजा देने के लिए एक नया बिल विधानसभा में पास करा लिया है। इस बिल में रेप के दोषियों को फांसी तक की सजा देने का प्रावधान है। अपराजिता एक्ट 2024 नाम के इस बिल के तहत बलात्कार के मामलों में 21 दिन के अंदर जांच पूरी करनी होगी।

अपराजिता एक्ट 2024 में क्या है?

अपराजिता एक्ट 2024 के जरिए बंगाल में एक ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ बनाई जाएगी जो रेप और इससे जुड़े मामलों की जांच 21 दिन में पूरी करके आरोपी को सजा दिलाएगी। टास्क फोर्स की अगुवाई एक SP रैंक के ऑफिसर के पास होगी। अगर किसी मामले में टास्क फोर्स 21 दिन में जांच पूरी नहीं कर पाती तो SP को इसकी वजह बतानी होगी। अगर वजह सही पाई गई तो टास्क फोर्स को जांच पूरी करने के लिए ज्यादा से ज्यादा 15 दिन और मिलेंगे। यानी किसी भी हालत में रेप के मामले में जांच 36 दिन में पूरी होगी।

जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे दोषी

बता दें कि कोलकाता केस के बाद ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि वो दुष्कर्म को लेकर कानून बनाएंगी। इसे लेकर उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का भी ऐलान किया था। ऐसे में बंगाल सरकार ने मंगलवार को अपराजिता वुमन एंड चाइल्ड बिल को मंजूरी दे दी। इस कानून में रेप और पीड़िता की मौत से जुड़े अपराधों के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। मतलब अगर रेप के बाद विक्टिम की मौत होती है या वो कोमा में जाती है तो मुजरिम को फांसी की सज़ा मिलेगी। वहीं, रेप के अपराधियों को जिंदगी भर जेल में रहने की सजा मिलेगी। वहीं, सजा होने के बाद उसको परोल भी नहीं मिल सकेगी।

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