इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आज एक व्यक्ति को मृत्युदंड दिया जो हत्या के लिए गिरफ्तारी के वक्त कथित तौर पर नाबालिग था। इस ताजा मामले से देश का न्याय तंत्र एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है और मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की आलोचना की है। पंजाब के पूर्वी प्रांत सरगोधा की जिला जेल में अंसार इकबाल को फांसी दी गयी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शव को अंतिम संस्कार के लिए उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया। इकबाल को हत्या के आरोप में 1994 में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि उसकी उम्र 20 साल के आसपास थी जिसे अदालत ने मान लिया और उसपर एक वयस्क की तरह मामला चलाया गया।
ब्रिटेन स्थित रीप्रिव मानवाधिकार समूह ने इस दावे को खारिज किया और कहा कि मुकदमे के दौरान दो दस्तावेज पेश किया गया था जिनमें दिखाया गया था कि गिरफ्तारी के वक्त उसकी उम्र 15 साल थी। मानवाधिकार समूहों ने कल राष्ट्रपति ममनून हुसैन से दुखद घटना को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। मानवाधिकार समूहों ने एक बयान में कहा, उन्हें (राष्ट्रपति को) कानून और सबूतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पाकिस्तान में नाबालिग को फांसी देने से जुड़ा यह पहला विवाद नहीं है। पिछले महीने ही शफाकत हुसैन को फांसी दी गयी थी। हुसैन के वकील ने कहा था कि वारदात के वक्त उसकी उम्र 14 साल थी।