
जकार्ता: इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा क्षेत्र में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने इस भूकंप के बारे में जानकारी दी है। एनसीएस ने बताया कि ये भूकंप रविवार तड़के महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 रही। एनसीएस के अनुसार, भूकंप के झटके भारतीय समयानुसार सुबह 2:50 बजे आए, जिसका केंद्र 86 उत्तरी अक्षांश और 96.35 पूर्वी देशांतर पर 58 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। हालांकि इस भूकंप में किसी के हताहत होने या नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। आगे के विवरण की प्रतीक्षा है।
भारत में भी भूकंप के झटके
वहीं भारत में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए। ये भूकंप के झटके तड़के 5 बजकर 6 मिनट पर महसूस किए गए। अरुणाचल प्रदेश के दिबांग घाटी में भूकंप का केंद्र था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) ने इसके बारे में जानकारी दी। एनसीएस के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.8 दर्ज की गई। गनीमत रही कि इस भूकंप की वजह से फिलहाल किसी जानमाल के नुकसान या बड़े पैमाने पर क्षति की कोई खबर नहीं है।
क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है। भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है।
भारत में क्या हैं भूकंप के जोन
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी 4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है।