Monday, December 16, 2024
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मुइज्जू के विदेश मंत्री जमीर का बड़ा दावा, भारत और मालदीव ने दूर कर लीं गलतफहमियां

मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही भारत के साथ संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। मगर अब विदेश मंत्री मूसा जमीर का कहना है कि मुइज्जू ने भारत के साथ अपनी गलतफहमियों को दूर कर लिया है और वह जल्द ही भारत की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Sep 15, 2024 18:56 IST, Updated : Sep 15, 2024 18:56 IST
मालदीव के राष्ट्रपति मो. मुइज्जू और पीएम मोदी (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : REUTERS मालदीव के राष्ट्रपति मो. मुइज्जू और पीएम मोदी (फाइल फोटो)

मालेः भारत और मालदीव के बीच लंबे समय से चल रहे तनावों के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने बड़ा दावा किया है। मूसा जमीर का कहना है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार के शुरुआती दिनों में भारत-मालदीव संबंध कठिन दौर से गुजरे, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों ने अब ‘गलतफहमियां’ दूर कर ली हैं। जमीर ने शुक्रवार को श्रीलंका की यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने चीन और भारत सहित अन्य प्रमुख सहयोगियों के साथ अच्छे रिश्ते कायम करने के महत्व पर जोर दिया।

जमीर ने कहा कि भारत के साथ संबंधों में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, खास तौर पर मालदीव से भारतीय सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी हटाने के राष्ट्रपति मुइज्जू के अभियान के बाद से। उन्होंने कहा कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद दोनों देशों के बीच ‘गलतफहमियां’ दूर हो गई हैं। ‘द एडिशन’ समाचार पत्र ने जमीर के हवाले से लिखा, ‘‘आप जानते ही हैं, हमारी सरकार के शुरुआती दिनों में (भारत के साथ) कुछ तल्खी थी। हमारे भारत और चीन से अच्छे रिश्ते हैं तथा दोनों देशों ने मालदीव का समर्थन करना जारी रखा है।’’

चीन प्रेमी हैं मुइज्जू

मुइज्जू को चीन के प्रति झुकाव रखने के लिए जाना जाता है। उनके राष्ट्रपति पद पर काबिज होने के बाद भारत-मालदीव संबंध में खटास पैदा होने लगी। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने भारत से मालदीव को उपहार में दिए गए तीन सैन्य प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की थी। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद भारतीय सैनिकों की जगह वहां तकनीकी कर्मियों की तैनाती की गई थी। मालदीव के तीन उप मंत्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी किये जाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने खुद को इन टिप्पणियों से अलग कर लिया। बाद में, ये तीनों मंत्री भी निलंबित कर दिए गए। मुइज्जु ने पद संभालने के बाद अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत नयी दिल्ली की यात्रा नहीं की। वह सबसे पहले तुर्किये गए और फिर जनवरी में अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए चीन को चुना। वह नौ जून को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।

जल्द मुइज्जू आएंगे भारत

मुइज्जू के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति ‘बहुत जल्द’ भारत की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। जमीर ने मालदीव के समक्ष मौजूद वर्तमान आर्थिक चुनौतियों को ‘अस्थाई’ करार दिया। उन्होंने कहा कि मालदीव का अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत पैकेज की गुहार लगाने की कोई योजना नहीं है। जमीर ने मालदीव सरकार के आईएमएफ से बाहरी सहायता मांगे बिना वित्तीय स्थिति से निपटने के प्रति आश्वस्त होने का संकेत देते हुए कहा, ‘‘हमारे द्विपक्षीय साझेदार हैं, जो हमारी जरूरतों और हमारी स्थिति के प्रति बहुत संवेदनशील हैं।’’ उन्होंने चीन और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती का भी उल्लेख किया और कहा कि ये देश मालदीव का समर्थन करने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

जमीर की यह टिप्पणी मालदीव की वित्तीय स्थिति के बारे में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की चेतावनियों के मद्देनजर आई है। मालदीव पर इस समय 40.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज है। देश का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार 44.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है। जमीर के साथ मालदीव के वित्त मंत्री मोहम्मद शफीक भी श्रीलंका यात्रा पर गए । इस दौरान दोनों नेताओं ने वित्तीय विषयों पर चर्चा के लिए श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के अधिकारियों और अन्य के साथ कई बैठकें कीं। (भाषा) 

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