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Nepal Political Crisis: नेपाली कांग्रेस ने मांगा PM का इस्तीफा, कहा नई सरकार का मार्ग प्रशस्त करें 'प्रचंड'

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में सियासत तेजी से नया मोड़ लेती जा रही है। पीएम 'प्रचंड' ने विश्वास मत का सामना करने का फैसला किया था। अब नेपाली कांग्रेस ने पीएम से इस्तीफा देने और नई सरकार का मार्ग प्रशस्त करने का आग्रह किया है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published on: July 03, 2024 18:21 IST
Nepal Political Crises- India TV Hindi
Image Source : FILA AP Nepal Political Crises

काठमांडू: नेपाली कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' से नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने का आग्रह किया। हिमालयी राष्ट्र की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी ने पूर्व गुरिल्ला नेता के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार को हटाने के लिए सीपीएन-यूएमएल के साथ एक दिन पहले सत्ता-साझेदारी समझौता किया है। पार्टी अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के बूढ़ानीलकंठा स्थित आवास पर हुई नेपाली कांग्रेस सेंट्रल वर्क परफोरमेंस कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति और पार्टी की भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई।

'नई सरकार बनाएंगे' 

नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली द्वारा प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठबंधन को बदल नई सरकार बनाने के लिए सोमवार रात एक समझौते को अंतिम रूप देने के एक दिन बाद पार्टी की प्रमुख समिति की बैठक हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में पार्टी प्रवक्ता डॉ प्रकाश शरण महत ने कहा, ‘‘सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस और यूएमएल ने कहा है कि वह मिलकर नई सरकार बनाएंगे, इसलिए प्रधानमंत्री को मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।’’ 

संवैधानिक प्रक्रिया से बनेगी नई सरकार

माय रिपब्लिका समाचार पोर्टल ने महत के हवाले से कहा, ‘‘अन्य पार्टियां भी नए नेपाली कांग्रेस-यूएमएल गठबंधन का समर्थन कर रही हैं। इसलिए, नेपाली कांग्रेस सीडब्ल्यूसी ने प्रधानमंत्री से मार्ग प्रशस्त करने का अनुरोध किया है।" महत ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त नहीं करते हैं तो संवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से नई सरकार का गठन किया जाएगा। हालांकि, संकटग्रस्त प्रधानमंत्री प्रचंड ने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह संसद में विश्वास मत का सामना करना चाहेंगे। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, सदन में बहुमत खोने वाले प्रधानमंत्री को 30 दिनों के भीतर बहुमत साबित करना होगा। सत्ताधारी गठबंधन द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होगा। (भाषा)

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