Thursday, March 28, 2024
Advertisement

Tiangong Space Station: अपने खुद के स्पेस स्टेशन वाला पहला देश बना चीन, अंतरिक्ष में बनाया ‘स्वर्ग का महल’, जानें कैसे काम करता है तियांगोंग

China Tiangong Space Station: चीन ने अपने अंतरिक्ष स्टेशन का काम पूरे जोर शोर के साथ किया है। वह इसके जरिए अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका को पूरी तरह टक्कर देने की तैयारी में है।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: December 12, 2022 14:27 IST
अंतरिक्ष में टक्कर देगा चीन का स्पेस स्टेशन- India TV Hindi
Image Source : PTI अंतरिक्ष में टक्कर देगा चीन का स्पेस स्टेशन

अंतरिक्ष की दुनिया में लगातार आगे बढ़ने वाला चीन अब एक ऐसा देश बन गया है, जिसका खुद का स्पेस स्टेशन है। जिसके बाद रूस के सहयोग से बना पश्चिमी देशों का अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन एकमात्र ऐसा स्थान रहीं रह जाएगा, जिसमें मनुष्य कक्षा में रह सकते हैं। 

इस साल 29 नवंबर को चीन के गोबी डेजर्ट नामक स्थान से शेंजू 15 मिशन शुरू हुआ था, जिसके जरिए तीन अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे। छह घंटे बाद वे अपने गंतव्य तक पहुंच गए। चीन ने हाल में अपना अंतरिक्ष स्टेशन तैयार किया है, जिसका नाम ‘तियांगोंग’ है। 

मंदारिन भाषा में ‘तियांगोंग’ का मतलब ‘स्वर्ग का महल’ है। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए तीन अंतरिक्ष यात्री वहां पहले से मौजूद दल की जगह लेंगे, जिसने स्टेशन के निर्माण में मदद की है। इस मिशन के सफल होने के साथ ही, चीन अपना स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन चलाने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया है। इस सफलता से अमेरिका और रूस जैसी दुनिया की दो शीर्ष अंतरिक्ष शक्तियों के बीच चीन की स्थिति मजबूत होगी। इंडियाना यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रॉम वर्कशॉप के स्पेस गवर्नेंस प्रोग्राम का नेतृत्व करने वाले अंतरिक्ष कानून और अंतरिक्ष नीति विद्वानों के रूप में हम रुचि के साथ चीनी अंतरिक्ष स्टेशन के विकास को देख रहे हैं।

अमेरिकी नेतृत्व वाले ‘अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन’ के विपरीत, तियांगोंग पूरी तरह से चीन द्वारा निर्मित और संचालित है। स्टेशन का सफल उद्घाटन विज्ञान के कुछ रोमांचक पलों में शुमार है। साथ ही स्टेशन देश की आत्मनिर्भरता की नीति पर भी प्रकाश डालता है। इसके अलावा यह अंतरिक्ष में शक्ति के बदलते परिदृश्य के बीच बड़ी अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने की दिशा में चीन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

चीन के अंतरिक्ष स्टेशन की क्षमताएं क्या हैं?

  • चीन के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम ने तीन दशक में तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन का काम पूरा किया है।
  • स्टेशन 180 फीट (55 मीटर) लंबा है और इसमें तीन ‘मॉड्यूल’ शामिल हैं, जिन्हें अलग से लॉन्च करने के बाद अंतरिक्ष में जोड़ा गया था।
  • इनमें एक कोर ‘मॉड्यूल’ शामिल है, जहां अधिकतम छह अंतरिक्ष यात्री रह सकते हैं। इसके अलावा 3,884 क्यूबिक फुट (110 क्यूबिक मीटर) के दो मॉड्यूल हैं।
  • स्टेशन के पास एक बाहरी रोबोटिक खंड भी है, जो स्टेशन के बाहर गतिविधियों और प्रयोगों पर नजर रखता है। आपूर्ति वाहनों और मानवयुक्त अंतरिक्ष यान के लिए तीन डॉकिंग पोर्ट हैं।
  • चीन के विमान वाहकों और अन्य अंतरिक्ष यान की तरह तियांगोंग सोवियत-युग के डिजाइन पर आधारित है। यह 1980 के दशक के सोवियत अंतरिक्ष स्टेशन ‘मीर’ से काफी मिलता जुलता है। लेकिन तियांगोंग स्टेशन का काफी आधुनिकीकरण किया गया है।
  • चीनी अंतरिक्ष स्टेशन 15 साल तक कक्षा में रह सकता है। जिसमें हर साल छह-छह महीने के लिए संचालन दल और कार्गो मिशन भेजने की योजना है। स्टेशन में वैज्ञानिक परीक्षण पहले ही शुरू हो चुके हैं। इसकी शुरुआत स्टेश के जैविक परीक्षण कैबिनेट में, बंदर प्रजनन से जुड़े एक योजनाबद्ध अध्ययन से हुई है। यह अध्ययन सफल रहेगा या नहीं यह एक अलग मामला है।
  • तियांगोंग के निर्माण के साथ ही चीन एकमात्र ऐसा देश बन गया है, जिसके पास पूरी तरह से एक अंतरिक्ष स्टेशन होगा और वह नासा के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का प्रतिस्पर्धी होगा, जिसकी स्थापना 1998 में की गई थी।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement