इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी को लेकर नासा ने बड़ा अपडेट दिया है। नासा ने कहा है कि अंतरिक्ष यात्री कब वापस लौटेंगे इस बारे में अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है।
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होने से कुछ भी खाना-पीना बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। खाने-पीने का हर सामान हवा में तैरने लगेगा, अगर इसके लिए पर्याप्त इंतजाम न किए जाएं। अंतरिक्ष यात्री सभी पेयपदार्थों को पाउडर फॉर्म में लेकर जाते हैं। बाद में उसमें गर्म पानी मिलाकर पीते हैं।
भारत की स्पेस कंपनियों ने अंतरिक्ष में बस्तियां बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। भारत की स्पेस पिक्सल कंपनी ने इसके लिए उन क्षुद्र ग्रहों की तलाश भी शुरू कर दी है, जिसके जरिये इस कार्य को अंतरिक्ष में अंजाम दिया जाना है।
बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में आई तकनीकी खामियों की वजह से अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स की धरती पर सकुशल वापसी की लगातार दुआएं हो रही हैं। मगर अभी तक उन्हें वापस नहीं लाया जा सका है। अंतरिक्ष यात्रियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद कि वह जल्द धरती पर लौटने में सफल होंगी।
आसमान से धरती की तरफ आ रहे विशालकाय उल्कापिंड का नासा ने पता लगाया है। इसका नाम 2024 MT-1 रखा गया है, जिसका व्यासा लगभग 260 फीट है। नासा ने इसकी जानकारी दी है। चलिए बताते हैं कि क्या इससे पृथ्वी को कोई खतरा है या नहीं?
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में फंस गई हैं। वो कब और कैसे धरती पर लौटेंगी, ये अभी तय नहीं है। आखिर कैसे वह अंतरिक्ष में फंस गईं और स्पेसक्राफ्ट में कैसे खराबी आ गई है। जानें पूरी डिटेल्स-
अंतरिक्ष में फंसे अमेरिकी वैज्ञानिकों की धरती पर वापसी की संभावनाओं को लेकर नासा ने बड़ा बयान दिया है। कुछ हफ्ते पहले अमेरिका का स्टारलाइनर कैप्सूल कई वैज्ञानिकों को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन गया था। इसमें भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भी शामिल हैं।
स्पेससूट से पानी का रिसाव होने के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर स्पेसवॉक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका। नासा ने अंतरिक्ष में चहलकदमी की योजना रद्द कर दी है।
नासा के बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल ने सफलता पूर्वक अंतरिक्ष का सफर तय कर लिया है। इस दल के साथ जाने वाली भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स भी शामिल हैं। सुनीता ने अपने साथियों के साथ जैसे ही अंतरिक्ष में कदम रखा, वैसे ही वह खुशी के मारे झूमने लगीं।
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अपने नाम एक और उपलब्धि हासिल की है। विलियम्स एक अन्य सहकर्मी के साथ तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए रवाना हुई हैं।
अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आखिरी वक्त में अंतरिक्ष की उड़ान को रद्द कर दिया है। स्टारलाइनर कैप्सूल में दोनों अंतरिक्ष यात्री सवार हो चुके थे और स्पेसक्रॉफ्ट की उलटी गिनती शुरू हो चुकी थी, लेकिन आखिरी 40 सेकेंड में कंप्यूटर में आई तकनीकी खामी के कारण इसे रद कर दिया गया।
भारत और अमेरिका मिलकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करेंगे। एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अमेरिका की तरफ से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा जाएगा।
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक बार फिर से स्पेस में जाने को तैयार हैं। इससे पहले सुनीता साल 2006 और 2012 में दो बार अंतरिक्ष में जा चुकी हैं।
चीन ने अंतरिक्ष में बड़ा मुकाम हासिल किया है। चीन के 3 अंतरिक्ष यात्री स्पेस में 6 महीने तक विशेष मिशन को अंजाम देने के बाद धरती पर लौट आए हैं। अब चीन 2030 तक चांद पर मानव और मंगल ग्रह के नमूने लाने की तैयारी में जुटा है।
रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में जो किया है उससे अमेरिका भड़का हुआ नजर आ रहा है। अमेरिका ने कहा है कि रूस की सरकार कुछ ना कुछ जरूर छिपा रही है।
रूस ने यूक्रेन से युद्ध जारी रहने के बावजूद अपने अंतरिक्ष मिशनों को लगातार बढ़ावा दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में कई महीने गुजारने के बाद रूस का एक दल कैप्सूल के जरिये सुरक्षित धरती पर लौट आया है। इसमें कजाखस्तान और बेलारूस की महिला वैज्ञानिक भी शामिल थीं।
रूस ने मॉस्को में बड़े आतंकी हमले के बावजूद अंतरिक्ष में अपने तीन वैज्ञानिकों को भेजकर नई कामयाबी हासिल की है। इस मिशन में नासा के अंतरिक्ष यात्री लोरल ओ'हारा, मैथ्यू डोमिनिक, माइक बैरेट और जेनेट एप्स के साथ-साथ रूसी ओलेग कोनोनेंको, निकोलाई चूब और अलेक्जेंडर ग्रीबेनकिन शामिल हैं।
चार अंतरिक्ष यात्री रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुए, जहां वे छह महीने के अपने प्रवास के दौरान दो नए रॉकेटशिप रॉकेट द्वारा संचालित अंतरिक्ष यान के आगमन की निगरानी करेंगे।
रूस ने अंतरिक्ष में एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। रूसी अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोनोनेंको ने रविवार को अंतरिक्ष में 878 दिन से अधिक समय बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। उन्होंने अपने ही देश के एक अंतरिक्ष यात्री का रिकॉर्ड तोड़ा है। अभी उम्मीद है कि वह 1100 दिन से अधिक समय बिताने के बाद धरती पर वापस लौटेंगे।
जापान के स्पेसक्राफ्ट कागुया ने चांद की सतह से एक वीडियो रिकॉर्ड किया है जो कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में चांद की सतह से पृथ्वी अस्त होते हुए दिख रही है।
संपादक की पसंद