संयुक्त राष्ट्र: भारत और अन्य G4 देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में काफी समय से लंबित सुधारों की दिशा में खास प्रगति नहीं होने पर चिंता जताते हुए कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था की वैधता और प्रामाणिकता के सुरक्षा मानकों के लिए अंतत: विषयवस्तु आधारित बातचीत शुरू करने का समय आ गया है। G4 देश- भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों की वकालत कर रहे हैं और वे सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के एक दूसरे के प्रयासों का समर्थन करते हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र से इतर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में मंगलवार को आयोजित G4 देशों की बैठक में ब्राजील के विदेश मंत्री एलोसियो नन्स फेरीरा, जर्मन विदेश मंत्री हीको मास और जापानी विदेश मंत्री तारो कोनो की मेजबानी की। बैठक के बाद संयुक्त बयान में चारों देशों के मंत्रियों ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानक परिचालन प्रक्रियाओं के अनुरूप महासभा के 73वें सत्र के दौरान अंतत: विषयवस्तु आधारित बातचीत शुरू करने का समय है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा परिषद में सुधार करते हुए 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से संयुक्त राष्ट्र में रूपांतरण आवश्यक हैं।
बयान के अनुसार, ‘उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को देखने वाली संरा की संस्था की वैधता और प्रामाणिकता के संरक्षण की जरूरत पर जोर दिया।’ G4 देशों के विदेश मंत्रियों ने संरा की सदस्यता की स्थाई और अस्थाई दोनों श्रेणियों के विस्तार समेत परिषद के जल्द सुधार की जरूरत दोहराई। उन्होंने कहा कि परिषद में 15 देशों का मौजूदा संयोजन बदलती वैश्विक हकीकतों को नहीं दर्शाता और आज की जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार जरूरी है। मंत्रियों ने विस्तारित सुरक्षा परिषद की सदस्यता की दोनों श्रेणियों में अफ्रीका के प्रतिनिधित्व का भी समर्थन किया।