Friday, April 19, 2024
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Bihar News: BJP-JDU के रिश्तों पर मंडराने लगे आशंकाओं के बादल, बिहार की सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा फिर करेगी हासिल

Bihar News: बिहार में भारतीय जानता पार्टी (BJP) और जनता दल-यूनाइटेड (JDU) के गठबंधन पर आशंकाओं के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जद(यू) के शीर्ष नेताओं ने कहा है कि पार्टी का मकसद राज्य में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में वापसी करना है।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @@SwayamNiranjan
Published on: August 06, 2022 17:50 IST
Apprehensions in the air over the BJP-JDU relationship in Bihar- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Apprehensions in the air over the BJP-JDU relationship in Bihar

Highlights

  • बिहार में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में वापसी करेगी JDU
  • "2020 के विधानसभा चुनाव में मिली हार को पीछे छोड़ेंगे"
  • RJD बोली- अंदरखाने उभर रही है बड़ी मुसीबत

Bihar News: बिहार में भारतीय जानता पार्टी (BJP) और जनता दल-यूनाइटेड (JDU) के गठबंधन पर आशंकाओं के बादल मंडराने लगे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जद(यू) के शीर्ष नेताओं ने कहा है कि पार्टी का मकसद राज्य में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में वापसी करना है। बताया जाता है कि जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने कुछ मीडिया संस्थानों से कुछ दिनों पहले कहा था कि उनकी पार्टी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के दर्जे को फिर से पाने की दिशा में कार्यरत है। 

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि पार्टी साल 2020 के विधानसभा चुनाव में मिली हार को पीछे छोड़ देगी, जिसकी वजह उन्होंने एक ‘साजिश’ को बताया। तब चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने  JDU के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ अपने कैंडिडेट मैदान में उतारे थे, जिनमें से कई भाजपा के बागी थे, और मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी की सीट संख्या पांच साल पहले के 71 से घटकर 43 रह गई थी। 

"बरसात की बाढ़ में डूब जाएगी एनडीए की नाव"

वहीं RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में अंदरखाने बड़ी मुसीबत उभर रही है। उसकी नाव उस बाढ़ में डूब जाएगी जो बरसात के मौसम में आती है।” तिवारी का मानना ​​है कि अपनी समाजवादी पृष्ठभूमि के कारण नीतीश कुमार भाजपा के ‘हिंदुत्व एजेंडे’ के साथ खड़े होने में सक्षम नहीं होंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या जेडीयू और आरजेडी के बीच फिर से समायोजन की संभावना है, इस पर राजद प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि बिहार को समाजवादी सरकार की जरूरत है, और इसे यह जल्द ही मिलेगी। लोग तेजस्वी यादव में नई उम्मीद देख रहे हैं। यह कहना जल्दबाजी होगी कि ऐसी सरकार की संरचना कैसी होगी।” बता दें कि जेडीयू और आरजेडी ने साल 2015 के विधानसभा चुनावों से पहले हाथ मिला लिया था। हालांकि दो साल बाद दोनों अलग हो गए थे। 

आशंकाओं को लेकर बीजेपी ने क्या कहा
माना जाता है कि ललन ने भाजपा के हालिया दावे के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की थी। भाजपा की ओर से कहा गया था कि वह साल 2024 के लोकसभा चुनाव और एक साल बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रही है, जिसे नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। जाहिर तौर पर भाजपा ने यह बयान जेडीयू को शांत करने के मकसद से दिया था, जिसके मन में भगवा पार्टी के दबंग रुख के कारण खटास आ गई है। फिलहाल भाजपा अभी अपने सबसे पुराने सहयोगी के साथ विवाद में पड़ने के मूड में नहीं दिख रही है। राज्य भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, “हमारे संबंध नीतीश कुमार के साथ रहे हैं और ये साल 1996 से हैं, जब उनकी पार्टी को समता पार्टी कहा जाता था। उनकी पार्टी के अन्य लोग क्या कहते हैं, हम उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा नीतीश कुमार को बिहार में एनडीए का नेता माना है। 

 

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