Sunday, May 12, 2024
Advertisement

आरबीआई से मुख्य दर घटाने की मांग

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा से एक दिन पहले कारोबारी, विश्लेषक और सरकार ने मुख्य नीतिग दरों में कटौती किए जाने और मौद्रिक नीति में नरमी बरतने की गुजारिश की।

IANS IANS
Updated on: June 01, 2015 18:51 IST
आरबीआई से मुख्य दर...- India TV Hindi
आरबीआई से मुख्य दर घटाने की मांग

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा से एक दिन पहले कारोबारी, विश्लेषक और सरकार ने मुख्य नीतिग दरों में कटौती किए जाने और मौद्रिक नीति में नरमी बरतने की गुजारिश की। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की अध्यक्ष ज्योत्स्ना सूरी ने कहा, "विकास की गति और रोजगार बढ़ाने के लिए पूंजी खर्च बढ़ाया जाना जरूरी है।"

उन्होंने कहा, "अवसंरचना में जहां सरकारी निवेश को बढ़ाया जा रहा है, वहीं क्षमता का कम उपयोग होने तथा मांग कम रहने के कारण निजी निवेश अब भी नहीं हो रहा है।"

फिक्की के मुताबिक, कई चक्रों के सर्वेक्षण से पता चलता है कि निवेशक निवेश करने में सकुचा रहे हैं, क्योंकि उनके मुताबिक कर्ज की उपलब्धता और लागत एक प्रमुख चिंता का विषय है।

सरकार की ओर से वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने भी आरबीआई से दर घटाकर कारोबारी जगत को सुस्ती से बाहर निकलने में मदद करने की अपील की है।

सीतारमण ने कहा था, "मैं सिर्फ उतनी ब्याज दर रखने का अनुरोध कर रही हूं, जितना वहन किया जा सके, क्योंकि दुनिया भर में कर्ज काफी सस्ता है।"

उन्होंने कहा, "आर्थिक तेजी की वापसी के लिए दर में कटौती जरूरी है।"

बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था, "पूरा देश सांसें थाम कर दरों में कटौती का इंतजार कर रहा है।"

गोयल ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दर घटेगी।"

आरबीआई ने जनवरी और मार्च 2015 में नियत समय से अलग हटकर दो बार दरों में कटौती की है, जिसके बाद रेपो दर अभी 7.5 फीसदी है।

रेपो दर वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से छोटी अवधि के लिए कर्ज लेते हैं।

फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों को जस-का-तस छोड़ दिया गया था।

अप्रैल में रेपो दर में कटौती नहीं करते हुए आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि वह वाणिज्यिक बैंकों से पिछली दो कटौती का लाभ आम ग्राहकों तक पहुंचाए जाने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बैंकों के इस दावे को खारिज किया था कि पूंजी की लागत काफी अधिक है।

जायफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने आईएएनएस से कहा, "अभी 25 फीसदी कटौती की उम्मीद की जा रहा है। 50 फीसदी कटौती किए जाने से हालांकि बाजार में तेजी का दौर शुरू हो जाएगा।"

महंगाई दर की स्थिति उम्मीद से बेहतर होने के कारण बाजार को उम्मीद है कि आरबीआई कटौती का फैसला कर सकता है।

उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता महंगाई दर जहां करीब 40 फीसदी घटकर अप्रैल में 4.87 फीसदी दर्ज की गई है, वहीं थोक महंगाई दर अप्रैल में नकारात्मक 2.65 फीसदी रही है, जो एक महीने पहले भी नकारात्मक 2.33 फीसदी थी।

इस वर्ष मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन सिर्फ 2.1 फीसदी बढ़ पाया।

नेवगी ने कहा, "आगामी सप्ताह में ग्रीस कर्ज संकट को देखते हुए बाजार में गिरावट की उम्मीद के बीच 25 से 50 फीसदी दर कटौती से बाजार को स्थिरता मिल सकती है।"

मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा में राजन की भाषा शैली भी काफी महत्वपूर्ण होगी और निवेशक ब्याज दर बढ़ाने की अमेरिकी फेडरल रिजर्व की योजना से निपटने में आरबीआई की रणनीति का अनुमान लगाने की कोशिश करेंगे।

नेवगी ने कहा, "आरबीआई गवर्नर के बयान में बाजार में तेजी या गिरावट लाने की क्षमता है।"

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिज़नेस सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement