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दोपहर के समय क्यों नहीं जाना चाहिए मंदिर, धार्मिक ग्रंथों में बताए गए हैं ये कारण

हिंदू धर्म में मंदिरों के दर्शन को लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि क्यों दिन के समय मंदिरों में नहीं जाना चाहिए।

Written By: Naveen Khantwal
Published : May 12, 2024 13:30 IST, Updated : May 12, 2024 13:30 IST
Mandir- India TV Hindi
Image Source : FILE Mandir

हिंदू धर्म में मंदिर न केवल भगवान की आराधना करने का केंद्र हैं, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान के लिए भी लोग मंदिरों में जाते हैं। अलग-अलग मंदिरों में जाने के कुछ नियम भी हैं, जैसे कुछ मंदिरों में रात्रि के समय नहीं जाया जाता, कुछ मंदिरों में पुरुषों को तो कुछ में महिलाओं के जाने की मनाही होती है। इसके साथ ही मंदिरों में दोपहर के समय जाना भी शुभ नहीं माना जाता। लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है, धार्मिक ग्रंथों में इसके बारे में क्या लिखा गया है आइए जानते हैं। 

इसलिए नहीं जाना चाहिए दोपहर के समय मंदिर

  • धार्मिक ग्रंथों में लिखा गया है कि, दोपहर के समय भगवान विश्राम करते हैं इसलिए भक्तों को इस दौरान मंदिरों में नहीं जाना चाहिए। इस समय मांगी गई मनोकामना ईश्वर तक नहीं पहुंचती है। यही वजह है कि हिंदू धर्म के विख्यात मंदिरों के कपाट दोपहर के वक्त बंद कर दिए जाते हैं, ताकि विश्राम कर रहे देवी-देवताओं को किसी तरह के व्यवधान का सामना न करना पड़े। 
  • दोपहर के समय मंदिरों में न जाने का दूसरा कारण यह है कि इस दौरान हमारा शरीर आलस्य से भरा रहता है। हम उतने ऊर्जावान नहीं होते जितने सुबह और शाम के समय रहते हैं। ऐसे में अगर हम दोपहर के समय मंदिर में प्रवेश करते हैं तो पूजा-पाठ में भी हमारा मन नहीं लगता, इसलिए भी दोपहर के समय मंदिरों में जाना सही नहीं माना जाता। 
  • ऐसा माना जाता है कि दोपहर के समय प्रेत, और अतृप्त आत्माएं सक्रिय रहती हैं। ये अतृप्त आत्माएं दोपहर के समय मंदिरों के आसपास विचरण करती हैं ताकि उन्हें मुक्ति का मार्ग मिल सके। इसलिए दिन के वक्त मंदिर में जाना सही नहीं माना जाता। 
  • वहीं सुबह और शाम के समय जब आप ऊर्जा से भरे रहते हैं तो पूजा में भी आपका मन लगता है। भगवान भी इस दौरान जागृत अवस्था में होते हैं और आपकी मुरादें सुनते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में सुबह और शाम का समय ही मंदिर जाने के लिए सबसे सही माना गया है। 

क्या घर के मंदिर में कर सकते हैं दोपहर के समय पूजा?

शास्त्रों के अनुसार आपको अपने घर के मंदिर में भी दोपहर के समय पूजा नहीं करनी चाहिए। इस दौरान पूजा करके आप भगवान के शयन में विघ्न डालते हैं। दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे तक आपको चाहे मंदिर हो या घर का पूजा स्थल कहीं पर भी पूजा नहीं करनी चाहिए। एकांत में बैठकर मंत्र जप आप इस दौरान कर सकते हैं या फिर ईश्वर का ध्यान कर सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए शुभ साबित होता है। मंत्र जप और ध्यान करने से आपकी आध्यात्मिक उन्नति होती है और आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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