
दिल्ली कैबिनेट ने निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस को विनियमित करने के लिए स्कूल एजुकेशन बिल को मंजूरी दे दी है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, "आज दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसे 1 अप्रैल, 2025 से पूर्वव्यापी रूप से लागू किया जाएगा। यह विधेयक राष्ट्रपति के पास उनकी सहमति के लिए भेजा जाएगा। यह दिल्ली के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।"
दिल्ली स्कूल एजुकेशन बिल 2025: जरूरी बिंदु
- दिल्ली स्कूल एजुकेशन बिल 2025 का उद्देश्य राजधानी के सभी निजी गैर-सहायता प्राप्त और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में फीस स्ट्रक्चर को विनियमित(रेगुलेट) करना है।
- इस बिल में स्कूल किसी भी तरीके से तय सीमा से अधिक फीस नहीं वसूल सकते।
- अगर किसी छात्र को फीस को लेकर परेशान किया जाता है तो शिक्षा निदेशक द्वारा उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
- साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर कोई संस्थान इस विधेयक के नियमों का उल्लंघन करता है तो सरकार उसकी संपत्ति को सील करके बेच सकती है।
- कुछ सूत्रों ने कहा कि यदि जुर्माना एक निश्चित समय सीमा के भीतर भुगतान नहीं किया जाता है, तो इसकी राशि को दोगुना करने का प्रावधान होगा।
- ड्रॉफ्ट बिल के अनुसार, प्रत्येक स्कूल में अभिभावकों की एक स्कूल-स्तरीय शुल्क विनियमन कमेटी होगी, जो उन्हें सीधे फैसले लेने की शक्ति देगी।
- स्कूल की फीस स्थान, इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी, शैक्षणिक प्रदर्शन और फंड की आवश्यकता के आधार पर तय की जाएगी।
- स्कूलों की जिला और राज्य स्तरीय समितियां अपील को संभालेंगी और निष्पक्षता सुनिश्चित करेंगी।
इस बिल के कानून के रूप में बदलने के बाद प्राइवेट स्कूल्स की फीस स्ट्रक्चर पर कड़े नियम लागू हो जाएंगे। ऐसे में सरकार के इस फैसले से दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को बहुत राहत का सांस मिलेगी। इससे प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बढ़ोतरी पर लगाम लग सकेगी।