Saturday, May 04, 2024
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स्किल एजुकेशन के जरिये दिल्ली को आर्थिक मंदी से निकालने की तैयारी

दिल्ली सरकार ने स्किल एजुकेशन को अपना प्रमुख एजेंडा बनाने का ऐलान किया है। राज्य सरकार का मानना है कि दिल्ली ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया के सामने एक मॉडल पेश किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 11, 2020 10:27 IST
Preparation to get Delhi out of economic recession through...- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Preparation to get Delhi out of economic recession through skill education

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने स्किल एजुकेशन को अपना प्रमुख एजेंडा बनाने का ऐलान किया है। राज्य सरकार का मानना है कि दिल्ली ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया के सामने एक मॉडल पेश किया है। दिल्ली सरकार अब कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए दिल्ली को आर्थिक मंदी से निकालने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस सिलसिले में गुरुवार को हरिनगर और तिलकनगर स्थित आईटीआई का दौरा किया। उन्होंने दोनों संस्थानों की शैक्षणिक गतिविधियों और कार्यप्रणाली के साथ ही इनकी आवश्यकताओं की भी जानकारी ली।

गौरतलब है कि वर्ष 2019 में दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) विधेयक पारित किया गया था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को चुनौती के तौर पर लेते हुए विभिन्न तकनीकी संस्थाओं के दौरे का सिलसिला तेज कर दिया है। इस क्रम में हरिनगर और तिलकनगर स्थित आईटीआई के दौरे में कालकाजी विधायक आतिशी भी शामिल हुईं।सिसोदिया ने दिल्ली स्थित सभी आईटीआई पॉलिटेकनिक और कौशल विकास केंद्रों का लगातार दौरा करने की योजना बनाई है, ताकि स्किल यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ा सकें।

सिसोदिया ने कहा, "इन्हें विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाले संस्थान के तौर पर विकसित किया जाएगा। इन संस्थानों के शिक्षकों, कर्मचारियों और स्टूडेंट्स के साथ ही पूर्व छात्रों से भी मिलकर उनकी समस्याओं और सुझावों पर चर्चा कर रहे हैं।"सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली सरकार ने स्कूली शिक्षा की तरह स्किल सेक्टर में भी बड़े कदमों की तैयारी कर ली है। जल्द की इसका परिणाम दिखने लगेगा। दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी सिर्फ हमारे देश के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगी। हमारी कोशिश है कि हर बच्चे को उसकी आकांक्षा और क्षमता के अनुसार वोकेशनल एजुकेशन मिले ताकि उन्हें अपने कैरियर की उंचाइयों तक जाने का अवसर मिल सके।"

दिल्ली सरकार के मुताबिक उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप आधुनिक तकनीक की पर्याप्त समझ और व्यावहारिक प्रशिक्षण के जरिए हर स्टूडेंट को पूर्णतया योग्य बनाया जाएगा। ऐसा करके ही सबको रोजगार के योग्य बनाया जा सकेगा। इसके लिए देश-विदेश की विभिन्न संस्थाओं के साथ विभिन्न कोर्स और नॉलेज शेयरिंग के लिए तालमेल भी किया जाएगा।

मनीष सिसोदिया ने कहा, "कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट में देश को विकास की दिशा में ले जाने के लिए जिस कौशल और उद्यमिता की जरूरत है, उसे पूरा करने के लिए दिल्ली संकल्पबद्ध है। इसके तहत कौशल प्रशिक्षण के साथ ही एप्रेन्टिसशिप के भी अवसर दिए जाएंगे। साथ ही, औद्योगिक संस्थाओं का भरोसा जीतते हुए सभी प्रशिक्षुओं के लिए बेहतर प्लेसमेंट तथा आकर्षक सैलरी भी लक्ष्य है। जिन स्टूडेंट्स को जरूरत होगी, उनकी वोकेशनल एजुकेशन के लिए वित्तीय सहायता और स्कॉलरशिप का भी उपाय किया जाएगा।"

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