कमलनाथ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद वह 2018 से 2020 तक 15 महीने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री रहे। कमलनाथ 2020 से 2022 तक मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। वह 2018 से मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। कमलनाथ 2019 से छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2019 के उपचुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में एक बार फिर वे छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। राज्य की राजनीति में आने से पहले, कांग्रेस के इस दिग्गज नेता ने 1980, 1984, 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में 9 बार छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। कमलनाथ केवल एक बार 1997 में छिंदवाड़ा संसदीय सीट हारे थे। उस वक्त वे बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा से 37,000 से अधिक मतों के अंतर से उपचुनाव में हार गए थे। कमलनाथ 1991 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार में पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। उन्हें पर्यावरण और वन राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार दिया गया था। 1995 में कमलनाथ टेक्सटाइल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी बने। वह मनमोहन सिंह सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री ( वाणिज्य और उद्योग) बने । मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान उन्हें सड़क परिवहन और राजमार्ग, शहरी विकास और संसदीय मामलों सहित कई विभागों का प्रभार दिया गया था।