Thursday, April 18, 2024
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UP Election 2022: 'मुलायम' और 'मनमोहन' ने बीजेपी को दिया वोट, अम्बेडकरनगर में हुआ ये खेल

अपनी फर्नीचर की दुकान शुरू करने वाले ज्ञानी जैल सिंह ने कहा, धीरे-धीरे मैं अपना कारोबार भी बढ़ाना चाहता हूं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: March 04, 2022 18:50 IST
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Image Source : PTI FILE Representational Image.

Highlights

  • मिठाई लाल ने अपनी बेटी का नाम तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के नाम पर रखा था।
  • जैल सिंह ने कहा, हमें सरकार से कई लाभ मिले हैं और इसलिए इसका समर्थन किया।
  • मिठाई लाल के बेटे मुलायम सिंह अंबेडकर नगर में एक मेडिकल स्‍टोर चलाते हैं।

अम्बेडकर नगर: बाल ठाकरे ने जब क्रिकेटर बनकर देश के लिए खेलने का दावा किया तो ज्ञानी जैल सिंह और मनमोहन सिंह ने उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने की नसीहत दी और शिक्षा का महत्व समझाया। यह वर्तमान और अतीत के राजनेताओं से जुड़ा कोई संदर्भ नहीं है बल्कि अंबेडकरनगर में जलालपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हैदराबाद नामक गांव में 57 वर्षीय मिठाई लाल के घर का एक दृश्य है। पेशे से किसान मिठाई लाल ने ‘सम्मान’ के लिए अपने 7 बच्‍चों का नाम राजनेताओं के नाम पर रखा है।

पूर्व राष्ट्रपति जैल सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह और कल्याण सिंह तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम पर अपने बेटों का नाम रखने के अलावा मिठाई लाल ने अपनी बेटी का नाम तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के नाम पर रखा। हालांकि, वर्ष 2013 में उनकी बेटी का निधन हो गया। यह पूछे जाने पर कि गुरुवार को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में किसे वोट दिया है, जैल सिंह ने कहा, ‘हमें सरकार से कई लाभ मिले हैं और इसलिए इसका समर्थन किया।’

इस किसान परिवार को पीएम आवास योजना के तहत घर भी मिला है। मिठाई लाल के बेटे मुलायम सिंह अंबेडकर नगर में एक मेडिकल स्‍टोर चलाते हैं जबकि कल्याण सिंह दादरी (गौतम बुद्ध नगर) में एक फैक्ट्री में काम करते हैं, जो CCTV कैमरों में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न सामान बनाती है। ज्ञानी जैल सिंह की एक फर्नीचर की दुकान है और राजनाथ सिंह हरियाणा में एक कारखाने में काम करते हैं। मनमोहन सिंह और बाल ठाकरे स्कूल में पढ़ते हैं।

मिठाई लाल ने ऐसे रसूखदार नामों को क्यों चुना? इस पर उन्होंने बताया ‘मेरे स्कूल के दिनों में सहपाठी मेरे नाम का मजाक उड़ाते थे। पूरी कक्षा और कभी-कभी शिक्षक भी हंसते थे जो लगभग 10 मिनट तक चलता था। मुझे बहुत अपमानित महसूस हुआ। तभी मेरे दिमाग में यह विचार आया कि मेरे बच्चों का मेरी तरह अपमान नहीं होना चाहिए। फिर मैंने अपने बच्चों का नाम प्रमुख राजनेताओं के नाम पर रखा, ताकि उन्हें सम्मान मिले।’ पिता की राय का समर्थन करते हुए, मनमोहन सिंह ने कहा ‘कई बार लोग मुझसे पूछते हैं क्या आप मनमोहन सिंह हैं? हालांकि, नाम इतना मजबूत है कि हर कोई कम से कम मेरा तो संज्ञान लेता है।’

मिठाई लाल कहते हैं, ‘मैं चाहता था कि मेरे बच्चे अपने नाम पर गर्व करें और मुझे लगता है कि उन्हें सम्मान मिल रहा है।’ मुलायम सिंह ने कहा, ‘मेरे पिता ने हमेशा कहा कि जिन नेताओं के नाम पर आपका नाम रखा गया है, उनसे प्रेरणा लें और जीवन में सफल होने के लिए काम करें। हम उन नेताओं से आगे नहीं बढ़ सकते जिनके नाम पर हमारा नाम रखा गया हैं, लेकिन कम से कम उनसे कुछ सीखते हुए जीवन में कुछ करना जरूर है।’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने बेटे का नाम अखिलेश रखा है।

बच्चे जब जिले में चल रहे चुनाव की चर्चा करते हैं तो उनकी मां चंद्रसेना उन्हें देखकर मुस्कुराती हैं। ठाकरे को छोड़कर मनमोहन और जैल सिंह दोनों ही उन नेताओं के बारे में कुछ जानते हैं जिनके नाम पर उनका नाम रखा गया है। अपनी फर्नीचर की दुकान शुरू करने वाले ज्ञानी जैल सिंह ने कहा, ‘धीरे-धीरे मैं अपना कारोबार भी बढ़ाना चाहता हूं।’ बहरहाल, बाल ठाकरे से जब उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘मैं एक क्रिकेटर बनना चाहता हूं और भारत के लिए खेलना चाहता हूं।’

जब बाल ठाकरे अपने भविष्य की योजना बता रहे थे तब मनमोहन सिंह और ज्ञानी जैल सिंह ने हस्तक्षेप किया और कहा कि पढ़ाई भी उतनी ही महत्वपूर्ण है और उन्हें (ठाकरे को) इस पर भी ध्यान देना चाहिए।

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