Friday, April 19, 2024
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मणिपुर को मुक्त व्यापार समझौतों का पूरा लाभ दिलाने का प्रयास करेंगे: गोयल

स्थानीय उद्यमियों के साथ अपनी चर्चा में गोयल ने कहा कि म्यामां एवं आसियान का प्रवेश-द्वार होने से मणिपुर को मुक्त व्यापार समझौते का पूरा लाभ मिलना चाहिए।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 04, 2021 17:55 IST
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Image Source : PTI केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मणिपुर के उद्योग संगठनों के साथ शनिवार को हुई एक चर्चा के दौरान यह बात कही।

Highlights

  • पीयूष गोयल ने कहा कि इस पूर्वोत्तर राज्य को एफटीए का पूरा लाभ दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
  • केंद्रीय मंत्री ने यह भरोसा दिलाया कि उनका मंत्रालय एफटीए का पूरा लाभ मणिपुर को दिलाने की हरसंभव कोशिश करेगा।
  • पीयूष गोयल ने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों की अपनी अलग पहचान स्थापित करने पर जोर दिया जाएगा।

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार म्यामां एवं आसियान देशों के लिए प्रवेश-द्वार माने जाने वाले मणिपुर को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का पूरा फायदा दिलाने की अपने स्तर पर पूरी कोशिश करेगी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मणिपुर के उद्योग संगठनों के साथ शनिवार को हुई एक चर्चा के दौरान कहा कि इस पूर्वोत्तर राज्य को एफटीए का पूरा लाभ दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी।

भारत ने जनवरी, 2010 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर अमल करना शुरू किया था। इस समझौते के तहत दोनों पक्ष आपसी कारोबार वाले अधिकतम उत्पादों पर सीमा शुल्क खत्म करने या घटाने की दिशा में कदम उठाएंगे। रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने मणिपुर के उद्योगों को यह भरोसा दिलाया कि उनका मंत्रालय एफटीए का पूरा लाभ इस पूर्वोत्तर राज्य को दिलाने की हरसंभव कोशिश करेगा। मणिपुर की भौगोलिक स्थिति म्यामां एवं आसियान देशों के करीब है।

स्थानीय उद्यमियों के साथ अपनी चर्चा में गोयल ने कहा कि म्यामां एवं आसियान का प्रवेश-द्वार होने से मणिपुर को मुक्त व्यापार समझौते का पूरा लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर औद्योगिक विकास योजना के तहत इस क्षेत्र में उद्योग, व्यापार एवं वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए विशेष ढांचागत परियोजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने स्थानीय उद्योग संगठनों से सहकारी उद्यम शुरू करने एवं स्टार्टअप की दिशा में काम करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों की अपनी अलग पहचान स्थापित करने पर जोर दिया जाएगा ताकि दिल्ली या कोलकाता की दौड़ न लगानी पड़े।

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