"तेरी आखों की नमकीन मस्तियां, तेरी हंसी की बेपरवाह गुस्ताखिया, तेरी जुल्फों की लहराती अंगड़ाइया, नहीं भूलूंगा... जब तक हैं जान, जब तक हैं जान..।", यश चोपड़ा का आखिरी फिल्म 'जब तक हैं जान' हालांकि उनकी बेहतरीन फिल्मों में से एक नहीं मानी जाती लेकिन फिल्म के लिए गुलजार द्वारा लिखी गई ये पंक्त शब्दों के प्रेमियों की जुबां पर खूब चढ़ें।