
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिसवाला एक महिला किसान पर हाथ उठाते हुए दिख रहा है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो पंजाब-हरियाणा सीमा (शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर) पर बैठे किसानों का है, जिसमें पुलिस कार्रवाई कर रही है। दरअसल पंजाब पुलिस बीते 13 महीनों से एमएसपी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन पर बैठे किसानों को हटा रही है। इस दौरान किसान और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को इसी घटनाक्रम से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
क्या किया जा रहा है दावा?
फेसबुक पर जनार्दन मिश्रा नाम के एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'महिला किसान को एमएसपी देती हुई केजरीवाल की पंजाब पुलिस, पर तानाशाह तो मोदी जी है भाई।' वहीं अरुण यादव नाम के एक्स यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'महिला किसान को एमएसपी देती हुई केजरीवाल की पंजाब पुलिस पर तानाशाह तो मोदी जी है भाई। भाजपा की बिरयानी भी लिखते जाओ।'
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो के फैक्ट चेक के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज में सर्च किया। सर्च के दौरान हमें एक एक्स यूजर का पोस्ट मिला, जिसे 18 मई 2023 को एक वीडियो शेयर किया गया था। इस पोस्ट को अक्षदीप थिंड नाम के शख्स ने शेयर करते हुए लिखा, 'पंजाब के गुरदासपुर जिले में किसान भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, इस दौरान पंजाब पुलिस के एक सिपाही ने महिला किसान को थप्पड़ मार दिया।' संबंधित कीवर्ड से ही जब हमने गूगल पर सर्च किया तो हमें द प्रिंट की 18 मई 2023 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे थे। 17 मई को किसान भूमि अधिग्रहण का मुआवजा मांग रहे थे। इस दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद किसानों ने 18 मई को रेल रोकने का आह्वान किया। इसके बाद जब जिला प्रशासन और पुलिस की टीम जब जमीन अधिग्रहण करने के लिए भामड़ी गांव पहुंची तब किसानों और प्रशासन और पुलिस की टीम में झड़प हो गई। इसी दौरान पुलिसकर्मी ने भूमि अधिग्रमण का विरोध कर रही महिला किसान को थप्पड़ मार दिया।
Fact Check में क्या सामने आया?
India TV की ओर से किए गए फैक्ट चेक में सामने आया है कि महिला किसान को थप्पड़ मार रहे पुलिस का वीडियो शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन का नहीं है। यह पुरानी वीडियो है। इसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। लोगों को ऐसे किसी भी दावे से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।