7 महीने की प्रेग्नेंट की थी पत्नी, तभी डायरेक्टर को हो गया कैंसर, लेकिन जिंदगी की जंग जीतकर बनाई कालजयी फिल्में
7 महीने की प्रेग्नेंट की थी पत्नी, तभी डायरेक्टर को हो गया कैंसर, लेकिन जिंदगी की जंग जीतकर बनाई कालजयी फिल्में
Written By: Shyamoo Pathak
Published : Jul 17, 2025 10:01 pm IST, Updated : Jul 17, 2025 10:01 pm IST
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बॉलीवुड के 'बर्फी' और 'लाइफ इन अ मेट्रो' जैसी शानदार फिल्में देने वाले डायरेक्टर अनुराग बासु बीते दिनों अपनी फिल्म को लेकर सुर्खियां बटोरते रहे। अनुराग बासु ने अपने करियर में कई बेहतरीन कहानियां कही हैं और रणबीर कपूर को भी स्टार बनना में बड़ा हाथ रहा है। आज बॉलीवुड के सबसे जहीन डायरेक्टर्स में गिने जाने वाले अनुराग बासु कभी कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी जूझ चुके हैं। खास बात ये है कि अनुराग बासु 30 साल की उम्र में ही ब्लड कैंसर को मात दे चुके हैं। जब अनुराग को कैंसर हुआ था तो उनकी पत्नी 7 महीने की प्रेग्नेंट थीं। लेकिन डायरेक्टर ने हार नहीं मानी और मौत के मुंह से निकलकर ऐसी फिल्में बनाईं जिन्होंने समय के फेर को पलट दिया।
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अनुराग ने 2004 में ब्लड कैंसर का पता चलने पर उसे मात दे दी। उन्हें एपीएल था, जो ब्लड कैंसर का एक प्रकार है। अनफिल्टर्ड बाय समदीश नामक पॉडकास्ट में अनुराग ने बताया कि जब उन्हें यह पता चला, तब वह मर्डर और साया की शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने अपने मुंह के आसपास छाले देखे, और हालांकि डॉक्टरों ने जांच कराने की सलाह दी, लेकिन वह तब तक इसे टालते रहे जब तक उनकी हालत और बिगड़ नहीं गई।
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अनुराग बासु ने तानी बसु शादी की है और उनकी दो बेटियां इशाना और अहाना हैं। जब अनुराग को कैंसर का पता चला, तो तानी को पहले पता नहीं चला और उन्हें खबरों के जरिए पता चला। अनुराग ने पॉडकास्ट में बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें जीने के लिए केवल दो हफ्ते का समय दिया था। उस समय तानी सात महीने की गर्भवती थीं। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी पत्नी उनके साथ रहने के लिए संघर्ष कर रही थीं, जबकि उन्होंने अपने बच्चे का चेहरा देखने के लिए दो महीने तक खुद को प्रेरित किया।
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वह तब तक लड़ते रहे जब तक कि वह कैंसर मुक्त नहीं हो गए। उसी इंटरव्यू में, बसु ने अपनी बिगड़ती सेहत के दौरान आने वाली मुश्किलों के बारे में बात की। उन्होंने रक्तदान करने वालों का आभार व्यक्त किया और बताया कि उन्हें अभी भी नहीं पता कि उनके शरीर में किसका खून है।
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अनुराग ने आगे बताया कि उनके अंदरूनी अंगों से खून बहने लगा था, उनका चेहरा सूज गया था और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उन्होंने बताया कि उन्हें कितना घुटन महसूस हो रहा था, जिससे उन्हें अपनी हालत की गंभीरता का पूरा एहसास हुआ। उन्होंने सुनील दत्त का भी धन्यवाद किया जिन्होंने उन्हें टाटा अस्पताल में बिस्तर दिलाने में मदद की, जो शायद एक आम इंसान के लिए मुमकिन नहीं होता।
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कैंसर को हराकर अनुराग बासु ने फिर से करियर में वापसी की और बेहतरीन फिल्में बनाईं। साल 2012 में रिलीज हुई फिल्म 'बर्फी' ने रणबीर कपूर को स्टारडम का स्वाद चखाया था। ये फिल्म अनुराग बासु ने ही बनाई थी। इससे पहले अनुराग 'लाइफ इन अ मेट्रो' में भी अपना रंग जमा चुके थे। बीते दिनों रिलीज हुई फिल्म 'मेट्रो इन दिनों' के लिए भी अनुराग बासु ने खूब तारीफें बटोरी थीं।