खराब लाइफस्टाइल, स्वस्थ भोजन का सेवन ना करने से व्यक्ति कई बीमारियों की चपेट में आ जाता है। इन बीमिरियों से बचने के लिए और खुद को फिट रखने के लिए सबसे कारगार उपाय योगासन है। नियमित रुप से योग करने से आप खुद को इन बीमारियों से तो दूर रख ही सकते हैं साथ ही बॉडी को फिट भी बना सकते हैं। मगर कई लोग समस्याओं की वजह से जमीन पर नहीं बैठ पाते हैं तो स्वामी रामदेव उन लोगों के लिए चेयर योगा लेकर आए हैं। इससे आप कुर्सी पर बैठकर भी योगा कर सकते हैं और शरीर को बीमारियों से निजात दिला सकते हैं। चेयर योगा आप ऑफिस में बैठकर भी कर सकते हैं इससे बैठे-बैठे कमर या पैर में होने वाले दर्द की समस्या से बचा जा सकता है और आपका दिमाग भी तेज चलने लगता है।
प्राणायाम मतलब आपके अंदर की प्राण ऊर्जा को बढ़ाना। नियमित रुप से प्राणायाम करके भी आप खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं। स्वामी रामदेव से जानिए चेयर प्राणायाम के फायदे जो आपके शरीर को बनाएंगे स्वस्थ।
चेयर भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेंकड में सांस ले और 5 सेंकड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेंकड सांस लें और ढाई सेंकड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इसे कुर्सी पर बैठकर आसानी से किया जा सकता है।
फायदे
इसे रोजाना करने से खून की सफाई होती है, रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है, शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, दमा, टीवी और खांसी जैसी बीमारियां दूर होती हैं, बॉडी सिस्टम चार्ज होता है, लिवर किडनी की मसाज होती है।
चेयर उद्गीथ
इस प्राणायाम को करने के लिए शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं।
फायदे
कुर्सी पर बैठकर उद्गीथ प्राणायाम करने से नर्वस सिस्टम बेहतर होता है, इम्यूनिटी बूस्ट होती है, मन और दिमाग को फायदा पहुंचाता है और हाई बीपी को कंट्रोल रखता है।
चेयर कपालभाति
इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट करें। हर 5 मिनट के बाद 1 मिनट आराम करें। सामान्य व्यक्ति 3 बार 5-5 मिनट करें।
फायदे
कुर्सी पर बैठकर भी कपालभाति किया जा सकता है। इससे शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकालता है, दिमाग को एक्टिव रखता है, रेस्पिरेटरी सिस्टम मजबूत होता है, मन को शांत रखता है, कफ एलर्जी अस्थमा में कारगर, डाइजेशन सिस्टम मजबूत बनाता है, गैस कब्ज और यूरिन की समस्या दूर करता है।
चेयर अनुलोम-विलोम
इसे करने के लिए दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें।
फायदे
रोजाना अनुलोम विलोम करने से विषाक्त गैसों को दूर रखता है, शुद्ध ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है, मांसपेशियों की प्रणाली में सुधार, रक्त का संचार सुधारता है, रोग प्रतिरोध क्षमता मजबूत करता है, बीमारियों से बचाता है, सर्दी जुकाम दमा में कागरर, वजन कम करने में मददगार
चेयर शीतकारी
इस प्राणायाम को करने से डिप्रेशन दूर होता है, तनाव और चिंता दूर होता है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है, तन मन को शीतल करता है और बुखार को दूर करने में मदद करता है।