Saturday, April 20, 2024
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दिल्ली में वायु गुणवत्ता सीजन के सबसे खराब स्तर पर पहुंची, EPCA कर सकता है कड़े कदमों की घोषणा

दीपावली से दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। हवा की गति धीमी होने की वजह से प्रदूषकों का जमाव आसान हो गया है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: October 25, 2019 13:03 IST
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सीजन के सबसे खराब स्तर पर पहुंची, EPCA कर सकता है कड़े कदमों की घोषणा- India TV Hindi
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सीजन के सबसे खराब स्तर पर पहुंची, EPCA कर सकता है कड़े कदमों की घोषणा

नयी दिल्ली: दीपावली से दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। हवा की गति धीमी होने की वजह से प्रदूषकों का जमाव आसान हो गया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिकृत पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण शुक्रवार को 10 सदस्यीय प्रदूषण रोधी कार्यबल की सिफारिशों को लागू करने पर विचार कर सकता है। इन सिफारिशों के तहत दिल्ली-एनसीआर में 26 से 30 अक्टूबर तक रात में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाना और पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) का इस्तेमाल नहीं करने वाले उद्योगों को बंद रखना शामिल है। 

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शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 315 रहा, जबकि बृहस्पतिवार शाम को यह 311 था। राष्ट्रीय राजधानी के ज्यादातर स्थानों पर एक्यूआई बहुत खराब की श्रेणी में दर्ज किया गया जबकि कुछ इलाकों में इसकी स्थिति गंभीर की तरफ बढ़ रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक नेहरू नगर, अशोक विहार, जहांगीरपुरी, रोहिणी, वजीरपुर, बवाना, मुंडका और आनंद विहार में एक्यूआई क्रमश: 340, 335, 339, 349, 344, 363, 381 और 350 दर्ज किया गया। 

पड़ोस के क्षेत्रों- बागपत, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव और नोएडा में एक्यूआई क्रमश: 312, 336, 311, 312 और 320 दर्ज किया गया। शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 को मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब और 401 से 500 को गंभीर माना जाता है। 

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता अनुमान एवं अनुसंधान सेवा- सफर ने बताया, “वायु गति कम होने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ना शुरू हो गया है, जिससे वायु संचार के कारक बुरी तरह घटकर कणों के बिखराव को प्रभावित कर रहे हैं।” 

सफर ने कहा है कि अगले दो दिनों तक धीमी सतही हवाएं चलती रहेंगी। नतीजन, एक्यूआई बहुत खराब के उच्च से मध्यम रेंज के बीच रह सकता है। संस्था ने कहा है कि 28 अक्टूबर तक पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इसे देखते हुए इस बार की दिवाली पर स्थिति उतनी खराब नहीं होगी, जितनी पिछले साल हुई थी।

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